सेहत के लिए विटामिन बी-3 है बेहद जरूरी
सेहत के लिए विटामिन बी-3 या नियासिन बहुत महत्वपूर्ण हैं। यह हमारे नर्वस सिस्टम, पाचन तंत्र और स्किन को हेल्दी रखने में सहायता करता है। लेकिन, लंबे समय तक इसकी अधिकता कई रोंगों के खतरे को बढ़ा सकती है। हाल में नेचर मेडिसिन में विटामिन बी पर प्रकाशित स्टडी में विटामिन बी की अधिक मात्रा और दिल के रोगियों में एक मजबूत संबंध देखने को मिला।
अमेरिका के नेशनल हेल्थ रिसर्च के शोधकर्ताओं ने पाया कि एक्स्ट्रा नियासिन सूजन को ट्रिगर करके सीधे दिल की स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। इससे नसों की दीवारें मोटी हो सकती हैं। यह गाढ़ापन ब्लड फ्लो को बाधित कर सकता है। जिससे दिल सहित टिशू और अंगों को हानि पहुंचने की संभावना बढ़ती है।
नियासिन और दिल की रोग के लिंक का पता लगाने के लिए, NHLBI द्वारा वित्त पोषित शोधकर्ताओं ने हजार से अधिक लोगों से खून के नमूने लिए ताकि उन छोटे मॉलिक्यूल की जांच की जा सके जिनके लेवल पारंपरिक रिस्क फैक्टर से स्वतंत्र रूप से दिल की रोग के खतरे की भविष्यवाणी कर सकें। उन्होंने पाया कि अधिक नियासिन सेवन से उत्पन्न होने वाले दो उप-उत्पाद (जिन्हें 2PY और 4PY के नाम से जाना जाता है) सीधे तौर पर हार्ट अटैक, स्ट्रोक और अन्य दिल से जुड़े खतरे से लिंक थे।
नियासिन के सोर्स
खमीर, दूध, मांस, टॉर्टिला और अनाज में विटामिन बी 3 या नियासिन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ज्यादातर लोगों को नियासिन सप्लीमेंट लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती है, क्योंकि डाइट से ही इसकी पूर्ति हो जाती है।
नियासिन की अधिकता के लक्षण
– चेहरे और गर्दन पर लालिमा और झुनझुनी
– मतली और उल्टी
– सिरदर्द
– कमजोरी
– लिवर डैमेज
डॉक्टरों की सलाह
डॉक्टरों का बोलना है कि रोजाना 14-18 मिलीग्राम नियासिन का सेवन करना पर्याप्त है। इसका अधिक सेवन करने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, नियासिन सप्लीमेंट लेने से पहले चिकित्सक से राय लेना महत्वपूर्ण है। यह भी ध्यान रखें कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली स्त्रियों को नियासिन सप्लीमेंट नहीं लेना चाहिए।