स्वास्थ्य

आपके मासिक धर्म के दौरान रक्त के थक्के बनने का क्या है मतलब, जानिए विवरण

नई दिल्ली: मासिक धर्म के थक्के:: मासिक धर्म के दौरान, गर्भाशय की एंडोमेट्रियम परत टूट जाती है, जिससे रक्तस्राव होता है. हालाँकि, कभी-कभी रक्तस्राव के दौरान कुछ थक्के दिखाई देने लगते हैं. इन्हें मासिक धर्म के थक्के बोला जाता है. मासिक धर्म के दौरान थक्के क्यों बनते हैं और क्या ये चिंता का कारण हैं? इसके बारे में जानने के लिए हमने कुछ जानकारों से बात की. आइये जानते हैं उन्होंने इसके बारे में क्या जानकारी साझा की.

मासिक धर्म के थक्कों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हम सीके डाक्टर आस्था दयाल, मुख्य सलाहकार, महिला बीमारी और प्रसूति विभाग, बिड़ला अस्पताल, गुरुग्राम, डाक्टर रविंदर कौर खुराना, वरिष्ठ सलाहकार, महिला बीमारी और प्रसूति विभाग, मेट्रो अस्पताल, फ़रीदाबाद और निदेशक, महिला बीमारी और प्रसूति विभाग, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल , गुरूग्राम, डाॅ पल्लवी वासल से बात की

मासिक धर्म के थक्के क्या हैं ?

डॉ दयाल ने मासिक धर्म के थक्कों के बारे में कहा कि स्त्रियों को पीरियड्स के दौरान रक्तस्राव होता है, जिसमें गर्भाशय की परत यानी एंडोमेट्रियम ऊतक भी मिश्रित होता है. ये ऊतक रक्त और प्रोटीन के साथ मिलकर एक कारावास जैसी स्थिरता बनाते हैं जिसे मासिक धर्म के थक्के बोला जाता है. आमतौर पर एक स्त्री को मासिक धर्म के दौरान 80 मिलीलीटर की आवश्यकता होती है. सामान्य रक्तस्राव में खून की कमी हो जाती है और थक्के नहीं बनते.

डॉ खुराना आगे बताते हैं कि हर स्त्री को 10-12 वर्ष की उम्र में पीरियड्स प्रारम्भ हो जाते हैं. कभी-कभी अत्यधिक रक्तस्राव के कारण मासिक धर्म में थक्के बनने लगते हैं. आम तौर पर रक्त जेली या तरल रूप में होता है, लेकिन जब यह सामान्य से अधिक प्रचुर मात्रा में हो जाता है, तो यह एंडोमेट्रियम ऊतक से जुड़ जाता है और थक्के बनाता है. डाक्टर वासल ने कहा कि पीरियड्स के दौरान एक सेमी से कम रक्त के थक्के बनना सामान्य है

यह कब चिंता का कारण बन जाता है?

मासिक धर्म में थक्के अक्सर भारी रक्तस्राव के कारण होते हैं, इसलिए यदि रक्तस्राव सामान्य से अधिक भारी हो, तो यह चिंता का कारण हो सकता है. डाक्टर वासल ने बोला कि यदि आपको भारी रक्तस्राव, गंभीर मासिक धर्म में ऐंठन का अनुभव होता है और मासिक धर्म के थक्के आकार में बढ़ने लगते हैं, तो आपको अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. यह किसी गंभीर परेशानी का संकेत हो सकता है

क्या कारण हो सकते हैं?

डॉ दयाल ने बोला कि मासिक धर्म में थक्के विभिन्न कारणों से हो सकते हैं. इनमें पीसीओएस, हार्मोनल असंतुलन, फाइब्रॉएड, डिम्बग्रंथि सिस्ट, एडेनोमायोसिस, एंडोमेट्रियोसिस या डिसफंक्शनल गर्भाशय रक्तस्राव शामिल हैं. इसके अतिरिक्त थायराइड में गड़बड़ी, प्रोलैक्टिन, विटामिन-बी12 की कमी, हीमोग्लोबिन की कमी भी हो सकती है.

इसलिए, यदि रक्तस्राव के दौरान ऐंठन पहले नहीं हुई थी और अब प्रारम्भ हो गई है, तो अपने चिकित्सक से परामर्श करना और कुछ जरूरी परीक्षण करवाना जरूरी है. आपका चिकित्सक कुछ अल्ट्रासाउंड और हार्मोनल परीक्षणों की सहायता से कारण निर्धारित कर सकता है.

कैसे किया जा सकता है इलाज?

डॉ खुराना का बोलना है कि मासिक धर्म के थक्के जैसी समस्याओं को हार्मोन की सहायता से ठीक किया जा सकता है. हालाँकि, यदि यह परेशानी 45 से 55 साल की उम्र में होती है, तो कैंसर होने की आसार हो सकती है. इसलिए कैंसर का पता लगाने के लिए चिकित्सक इसकी जांच भी कर सकते हैं. इसके बाद ही अगला उपचार प्रारम्भ किया जाता है क्योंकि इस उम्र में बिना परीक्षण के हार्मोन नहीं दिए जाते.

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