इक्वाडोर में गंभीर ऊर्जा संकट से छूटे सरकार के पसीने
इक्वाडोर में बिजली संकट
समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, जलविद्युत संयंत्रों में पानी का स्तर गंभीर रूप से कम हो गया है. इससे राष्ट्र में एक बड़ा बिजली संकट पैदा हो गया है. हालात नाजुक होने के कारण गवर्नमेंट और क्षेत्रीय प्रशासन ने बुधवार को सभी सार्वजनिक और निजी कर्मचारियों को दो दिनों के लिए घर पर रहने का आदेश दिया है.
अल नीनो है क्या?
अल नीनो जलवायु से जुड़ी घटना है, जिसमें मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह सामान्य से 4 से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म हो जाती है. इस गर्मी की वजह से समुद्र में चल रही हवाओं के रास्ते और रफ्तार में बदलाव होने लगता है. बदलाव के कारण मौसम चक्र प्रभावित होता है और पूर्व से पश्चिम की ओर बहने वाली हवाएं कमजोर पड़ती हैं. इसके साथ ही पश्चिमी प्रशांत महासागर क्षेत्र का गर्म पानी भूमध्य रेखा के साथ पूर्व की ओर बढ़ने लगता है. इसका सीधा असर जलवायु बदलाव पर पड़ता है. इसके कारण कई राष्ट्रों में भयंकर बारिश तो कई जगहों में सूखा पड़ सकता है. वर्ष 1982-83 और वर्ष 1997-98 में अल नीनो ने दुनिया को सबसे अधिक प्रभावित किया था. 1982-83 की अल नीनो के कारण पूर्वी उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में समुद्र सतह का तापमान सामान्य से 9-18 डिग्री सेल्सियस अधिक हो गया था. जबकि वर्ष 1997-98 में इसके कारण इंडोनेशिया, मलेशिया और फिलीपींस में सूखा पड़ गया था. इतना ही नहीं पेरू और कैलिफोर्निया में भारी बारिश और बाढ़ ने तबाही मचाई थी.