ईरान ने इज़राइल की ओर की ड्रोन और मिसाइलों की बौछार
दमिश्क में उसके दूतावास पर हवाई हमले के कुछ दिनों बाद ईरान ने रविवार को इज़राइल पर पहला सीधा धावा किया है. ईरान ने इज़राइल की ओर ड्रोन और मिसाइलों की बौछार कर दी, जिससे मिडल ईस्ट क्षेत्र में एक बड़े संकट का खतरा पैदा हो गया है, जो गाजा में युद्ध के कारण पहले से ही तनाव में है. इस बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका ने ईरान से खतरों के विरुद्ध इजरायल की रक्षा में सहायता करने की कसम खाते हुए, इज़राइल की सुरक्षा के लिए अपने “आयरनक्लाड” समर्थन की पुष्टि की है. इज़राइल ने संयुक्त देश सुरक्षा परिषद से ईरान के हमले की आलोचना करने के लिए एक इमरजेंसी बैठक बुलाने का निवेदन किया है. इसके बाद ईरान ने अमेरिका को धमकी दी है कि वो इससे दूर रहे.
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इजराइली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने बोला कि ईरान ने 200 से अधिक ड्रोन, बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें दागी हैं. वहीं ईरान ने बोला कि यह धावा “इज़राइल को उसके किए गए अपराधों” की सज़ा है. ईरान ने एक अप्रैल को दमिश्क वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले का जिक्र किया, जिसमें जनरलों सहित उसके सात विशिष्ट अधिकारी मारे गए थे. इज़राइल ने हमले में अपनी संलिप्तता की न तो पुष्टि की थी और न ही इनकार किया था.
संयुक्त देश में ईरानी मिशन ने अमेरिका को “दूर रहने” की चेतावनी देते हुए कहा, “अगर इजरायली शासन ने एक और गलती की, तो ईरान की प्रतिक्रिया काफी गंभीर होगी.” इसमें बोला गया कि अब इस मामले को खत्म समझा जाना चाहिए.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका और ब्रिटिश युद्धक विमानों ने इराक-सीरिया सीमा पर इजरायल जा रहे ड्रोन को मार गिराया. जॉर्डन ने उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने वाले ड्रोनों को मार गिराया.
इजराइल के सेना प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने हमले को गंभीर बताया है. उन्होंने कहा, “यह एक गंभीर और खतरनाक स्थिति है.”
इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने ऑयल अवीव में युद्ध कैबिनेट की बैठक बुलाई और कहा कि उनका राष्ट्र ईरान के सीधे हमले की तैयारी कर रहा है और वे किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं. “हाल के सालों में, और विशेष रूप से हाल के हफ्तों में, इज़राइल ईरान द्वारा सीधे हमले की तैयारी कर रहा है. हमारी रक्षात्मक प्रणालियां तैनात हैं; हम रक्षात्मक और आक्रामक दोनों तरह से किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं.”
संयुक्त राज्य अमेरिका ने ईरान के हमले से बचाव में इज़राइल की सहायता करने की कसम खाई है. व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने एक बयान में कहा, “राष्ट्रपति बाइडेन साफ रहे हैं. इज़राइल की सुरक्षा के लिए हमारा समर्थन दृढ़ है. संयुक्त राज्य अमेरिका इज़राइल के लोगों के साथ खड़ा रहेगा और ईरान से इन खतरों के विरुद्ध उनकी रक्षा का समर्थन करेगा.” इसपर ईरान के रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी है कि जो भी राष्ट्र इज़राइल द्वारा ईरान पर हमलों के लिए अपना हवाई क्षेत्र या क्षेत्र खोलेगा, उसे “तेहरान की कड़ी प्रतिक्रिया” मिलेगी.
ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने ईरान की आलोचना की है। “मैं इजरायल के विरुद्ध ईरानी शासन के ढिलाई भरे हमले की कड़े शब्दों में आलोचना करता हूं. ब्रिटेन इज़राइल की सुरक्षा के लिए खड़ा रहेगा और जॉर्डन और इराक सहित हमारे सभी क्षेत्रीय साझेदारों के साथ, इस स्थिति को स्थिर करने और आगे बढ़ने से रोकने के लिए तुरन्त काम कर रहे हैं. ”
जर्मनी, फ्रांस और यूरोपीय संघ ने भी ईरान के हमले की आलोचना की है. यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा, “यूरोपीय संघ इजरायल के विरुद्ध अस्वीकार्य ईरानी हमले की कड़ी आलोचना करता है. यह क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है.”
इस बीच, संयुक्त देश महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बोला कि दुनिया एक और युद्ध बर्दाश्त नहीं कर सकती. उन्होंने एक्स पर लिखा, “मैं ईरान द्वारा इज़राइल पर बड़े पैमाने पर किए गए हमले की कड़ी आलोचना करता हूं. मैं इन शत्रुताओं को तुरन्त खत्म करने का आह्वान करता हूं. न तो क्षेत्र और न ही दुनिया एक और युद्ध बर्दाश्त कर सकती है.”