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किम जोंग उन : मेरा देश अब दक्षिण कोरिया के साथ सुलह का प्रयास नहीं करेगा और…

उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने बोला कि उनका राष्ट्र अब दक्षिण कोरिया के साथ सुलह का कोशिश नहीं करेगा और उन्होंने युद्ध में विभाजित राष्ट्रों के बीच साझा देश के विचार को समाप्त करने के लिए उत्तर कोरिया के संविधान को फिर से लिखने का आह्वान किया

दोनों कोरियाई राष्ट्रों द्वारा साझा राष्ट्रीय एकरूपता की भावना पर आधारित एकीकरण के दशकों पुराने कोशिश को समाप्त करने का यह ऐतिहासिक कदम क्षेत्र में तनाव बढ़ने के बीच उठाया गया है
उत्तर कोरिया की आधिकारिक ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) के अनुसार, उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया से संबंध बनाए रखने से जुड़े अहम सरकारी संगठनों को भी खत्म कर दिया है

दक्षिण कोरिया के साथ संवाद और योगदान से जुड़ी एजेंसियों को खत्म करने का निर्णय सोमवार को राष्ट्र की संसद की एक बैठक में लिया गया
‘सुप्रीम पीपुल्स असेंबली’ ने एक बयान में बोला कि दोनों कोरिया राष्ट्रों के बीच अब ‘‘गंभीर टकराव’’ है और उत्तर कोरिया के लिए दक्षिण कोरिया को कूटनीति में एक भागीदार मानना बड़ी गलती होगी
असेंबली ने एक बयान में कहा, ‘‘उत्तर-दक्षिण कोरिया संवाद, वार्ता और योगदान के लिए बनायी गयी राष्ट्र के शांतिपूर्ण पुनर्मिलन की समिति, राष्ट्रीय आर्थिक योगदान ब्यूरो और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन प्रशासन को रद्द किया जाता है’’
केसीएनए ने बोला कि संसद में एक भाषण के दौरान किम ने दक्षिण कोरिया और अमेरिका के संयुक्त सेना अभ्यासों, अमेरिकी की रणनीतिक सेना संपत्तियों की तैनाती और जापान के साथ उनके त्रिपक्षीय सुरक्षा योगदान का हवाला देते हुए उन पर क्षेत्र में तनाव बढ़ाने का इल्जाम लगाया

किम ने बोला कि उत्तर कोरिया के लिए दक्षिण कोरिया के साथ सुलह और शांतिपूर्ण पुनर्मिलन पर वार्ता करना असंभव हो गया है
उन्होंने संसद से दक्षिण कोरिया को उत्तर कोरिया का ‘‘मुख्य दुश्मन और अपरिवर्तनीय प्रमुख शत्रु’’ परिभाषित करने के लिए राष्ट्र के संविधान को फिर से लिखने का आह्वान किया
उन्होंने खास तौर से सीमा पार की रेलवे लाइन को काटने और प्योंगयांग में वह स्मारक तोड़ने की मांग की जो पुनर्मिलन के सम्मान में बनाया गया है किम ने उसे आंख का कांटा बताया
किम ने वर्ष के अंत में सत्तारूढ़ पार्टी की बैठक में भी ऐसे ही टिप्पणियां की थीं
दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक यियोल ने सियोल में मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान बोला कि किम की टिप्पणियां प्योंगयांग में गवर्नमेंट की ‘‘राष्ट्र-विरोधी और इतिहास-विरोधी’’ प्रवृत्ति को दिखाती है

 

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