पाकिस्तान समाचार: सलादीन एनआईए की मोस्ट वांटेड सूची में…
हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख और अंतरराष्ट्रीय आतंकी सैयद सलाहुद्दीन एक बार फिर पड़ोसी राष्ट्र पाक के कब्जे वाले पीओके में देखा गया है. उसे पीओके के मुजफ्फराबाद में देखा गया था। सैयद सलादीन 20 अप्रैल को एक पार्टी में शामिल होने के लिए वहां पहुंचे. इससे पहले भी हिंदुस्तान के इस मोस्ट वांटेड आतंकवादी को पाक में देखा गया था। पिछले वर्ष फरवरी में, सैयद सलादीन ने पाक गवर्नमेंट द्वारा प्रदान की गई सुरक्षा के बीच लाहौर में एक आखिरी संस्कार में भाग लिया. ये अंतिम यात्रा हिज्बुल आतंकवादी बशीर अहमद की थी।
सलादीन एनआईए की मोस्ट वांटेड सूची में है
आपको बता दें कि सैयद सलादीन यूनाइटेड जिहाद काउंसिल का प्रमुख भी है. यूनाइटेड जिहाद काउंसिल आईएसआई द्वारा प्रायोजित जिहादी आतंकी समूहों में से एक है. इस आतंकवादी संगठन का मकसद जम्मू और कश्मीर का पाक में विलय कराना है। सलादीन हिंदुस्तान की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की मोस्ट वांटेड सूची में है और अमेरिकी विदेश विभाग ने भी उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी के रूप में सूचीबद्ध किया है.
कौन है आतंकवादी सैयद सलादीन?
सैयद सलादीन को 1990 से पहले कश्मीर में यूसुफ शाह के नाम से जाना जाता था और उन्होंने 1987 में मुसलमान यूनाइटेड फ्रंट के टिकट पर जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव भी लड़ा था. 5 नवंबर 1990 को यूसुफ शाह सैयद सलादीन बन गए. वह सीमा पार कर पीओके के मुजफ्फराबाद पहुंचा और फिर हिज्बुल मुजाहिदीन नाम से संगठन बनाया और जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने लगा।
आरोपी आतंकवादी आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है
सैयद सलादीन हिंदुस्तान में कई आतंकी हमलों में शामिल है. पठानकोट एयरबेस पर हमले के पीछे उसके संगठन यूनाइटेड जिहाद काउंसिल का हाथ था. जैश-ए-मोहम्मद भी सैयद सलादीन के संगठन का हिस्सा है। एक समय था जब कश्मीर में अधिकतर आतंकी हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़े थे. कश्मीर में अत्याचार के पीछे इस संगठन का सबसे बड़ा सहयोग रहा है।