अंतर्राष्ट्रीय

बाइडेन से क्यों खफा हैं उन्हीं की पार्टी के वोटर

US President Election 2024: मिशिगन के डेमोक्रेटिक प्राइमरी में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आसान जीत दर्ज की है. बाइडेन का जीतना लगभग तय था और वही हुआ भी. लेकिन पोलिंग स्टेशन बंद होने के बाद जब आंकड़े आने शुरू हुए तो टीम बाइडेन के माथे पर बल पड़ने लगे. लगभग 13% डेमोक्रेट्स ने बाइडेन को वोट देने के बजाय ‘अन‍कमिटेड’ पर वोट किया. यानी उन्होंने अभी तक बाइडेन को वोट देने का मन नहीं बनाया है. करीब एक लाख से ज्‍यादा ‘अनकमिटेड’ वोट पड़े हैं. अधिकतर वोटर इजरायल और हमास की जंग में अमेरिकी रुख से नाराज हैं. वे चाहते हैं बाइडेन प्रशासन गाजा में सीजफायर पर जोर दे और इजरायल को मदद में कटौती करे. मिशिगन प्राइमरी में एक तरह से डेमोक्रेटिक पार्टी के वोटर्स ने संदेश दे दिया है कि उन्हें भले ही बाइडेन से प्यार हो, मगर यह कोई करार नहीं है.

मिशिगन बड़ा अहम स्विंग स्टेट है. यहां पर अरब-अमेरिकियों की बड़ी आबादी बसती है. मिशिगन को साधना बाइडेन के लिए बड़ा अहम है. 2020 चुनाव में बाइडेन और ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर हुई थी. 2024 प्राइमरी के नतीजे बताते हैं कि बाइडेन को उनके इजरायल प्रेम का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. मिशिगन में पिछले दो चुनावों के भीतर ‘अनकमिटेड’ वोटों का आंकड़ा 2 प्रतिशत से कम रहा है. 2012 जब डेमोक्रेटिक बराक ओबामा ने फिर से चुनाव लड़ा, तब मिश‍िगन में 11% अनकमिटेड वोट पड़े थे.

मिशिगन की आबादी में मुस्लिम और अरब देशों से आकर बसने वालों की बड़ी भागीदारी है. यहां के लोग गाजा युद्ध की हैंडलिंग को लेकर बाइडेन से खफा हैं. मिशिगन में लंबे समय से बाइडेन को संदेश देने के लिए प्रचार अभियान चल रहा है. डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर भी कई लोग चाहते हैं कि बाइडेन इजरायल के सैन्य अभियान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएं. इसी महीने, गाजा में तत्काल सीजफायर की मांग करने वाले प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका ने वीटो कर दिया. मिशिगन में इसपर भी तीखी प्रतिक्रिया हुई.

मिशिगन प्राइमरी में वोट डालने के बाद AFP से बातचीत में रशीदा तालिब ने कहा, “मैं भीतर गई, एक डेमोक्रेटिक बैलट निकाला और ‘अनकमिटेड’ वोट किया, मुझे इस पर गर्व है.” तालिब US कांग्रेस में इकलौती फलस्तीनी-अमेरिकन हैं. ‘अनकमिटेड’ वोट पर तालिब ने कहा, ‘जब मिशिगन में 74% डेमोक्रेट गाजा में युद्धविराम का समर्थन करते हैं, फिर भी राष्ट्रपति बाइडेन हमारी बात नहीं सुन रहे हैं, तो यह वह तरीका है जिससे हम अपने लोकतंत्र का उपयोग करके कह सकते हैं, मिशिगन की सुनो.’

 

‘Listen To Michigan’ नाम का एक आंदोलन भी चल रहा है. कैंपेन की मैनेजर तालिब की बहन और 34 साल की लायला एलाबेद हैं जो ताउम्र डेमोक्रेट रही हैं. उन्होंने ‘द गार्जियन’ से बातचीत में कहा, ‘यह एक मानवतावादी वोट है.’ उन्होंने कहा, ‘फिलहाल, जो बाइडेन सत्ता की उस जगह पर बैठे हैं जहां वह वास्तव में दिशा बदल सकते हैं और जिंदगियां बचा सकते हैं.’

स्विंग स्टेट क्‍या है?

आमतौर पर अमेरिकी राज्‍य किसी एक पार्टी के पक्ष में वोट करते हैं. उन्हें ‘सेफ स्‍टेट’ कहते हैं. स्विंग स्टेट उन राज्यों को कहते हैं जहां से डेमोक्रेटिक या रिपब्लिकन, कोई भी उम्मीदवार जीत सकता है. इन राज्यों में जरा सी चूक किसी उम्मीदवार की राष्ट्रपति पद पर दावेदारी छीन सकती है.

बाइडेन के लिए खतरे की घंटी

मंगलवार को आए मिशिगन प्राइमरी के नतीजे बाइडेन के लिए खतरे की घंटी जैसे हैं. नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव से पहले बाइडेन मिशिगन जैसे स्विंग स्‍टेट में कमजोर नहीं पड़ना चाहेंगे. मिशिगन में पड़े ‘अनकमिटेड’ वोट दूसरे राज्यों में ऐसे ही प्रदर्शनों को बढ़ावा दे सकते हैं. मिनेसोटा, पेंसिलवेनिया और जॉर्जिया में बाइडेन के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है.

प्राइमरी के नतीजों के आधार पर अमेरिका की दोनों पार्टियां राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार तय करती हैं. अभी तक के नतीजे इशारा करते हैं कि 2024 का मुकाबला भी जो बाइडेन बनाम डोनाल्ड ट्रंप होने जा रहा है.

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