अंतर्राष्ट्रीय

मालदीव में संसदीय चुनाव के लिए मतदान आज

Maldives Elections 2024: मालदीव में 21 अप्रैल को संसदीय चुनाव के लिए मतदान किया जाना है. राष्ट्रपति बनने के लिए मोहम्मद मुइज्जू के लिए पहली अग्निपरीक्षा है. हालांकि उनके आलोचक और चुनावी पंडित उनकी पार्टी की हार की भविष्यवाणी कर रहे हैं.  मुइज्जू के विरुद्ध करप्शन समेत हिंदुस्तान के विरुद्ध अभियानों को लेकर राष्ट्र में गुस्सा है. मालदीव में जनता ही नहीं हिंदुस्तान में भी लोग आशा कर रहे हैं संसदीय चुनाव में मुख्य विपक्षी और हिंदुस्तान समर्थक पार्टी – मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) सरलता से बहुमत हासिल करेगी.

दरअसल, मालदीव में संसदीय चुनाव से ठीक पहले, राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के विरुद्ध करप्शन के एक मुद्दे में ऐक्शन प्रारम्भ हो गया है. 2018 से किए गए कथित करप्शन की रिपोर्ट लीक होने के बाद विपक्षी दलों ने मुद्दे की जांच और उन पर महाभियोग की मांग प्रारम्भ कर दी है. हालांकि राष्ट्रपति मुइज्जू स्वयं पर लगे आरोपों को खारिज कर रहे हैं.

मतदान से पहले मुइज्जू की हार की भविष्यवाणी
मतदान से पहले, देशभर में चुनावी पंडित मुइज्जू की हार की भविष्यवाणी कर रहे हैं. उनके विरुद्ध जनता में जबरदस्त आक्रोश है. राष्ट्पति बनने के बाद ही हिंदुस्तान को लेकर उनके रुख और इंडियन आर्मी की वापसी को लेकर वह पहले ही निशाने पर हैं. हिंदुस्तान विरोधी रुख के चलते मालदीव को पर्यटन में काफी हानि झेलना पड़ा है. मालदीव में आधे से अधिक पर्यटक भारतीय राज्यों से आते हैं लेकिन, प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर की गई बयानबाजी और फिर सेना की वापसी ने हिंदुस्तानियों का मालदीव से मोहभंग कर दिया है. नतीजन मालदीव में पर्यटन स्थल सूने पड़े हैं. स्वरोजगार छिन जाने से मालदीव की जनता में राष्ट्रपति के प्रति आक्रोश है.

भ्रष्टाचार पर घिरे मुइज्जू
समाचार पोर्टल मालदीव रिपब्लिक के मुताबिक 2018 के करप्शन मुद्दे में मुइज्जू के विरुद्ध जांच प्रारम्भ हो गई है. इन रिपोर्ट में राष्ट्रपति मुइज्जू के निजी बैंक खाते में धन अंतरण में अनियमितताओं का दावा किया गया है. रिपोर्ट में वित्तीय कदाचार के 10 जरूरी संकेतकों को रेखांकित किया गया है. समाचार पोर्टल ने बोला कि इन संकेतकों से राजनीति से जुड़े व्यक्तियों के साथ संलिप्तता, गबन, धनराशि के लेनदेन को छिपाने के लिए कॉर्पोरेट संस्थाओं के इस्तेमाल आदि का पता लगता है. इन आरोपों से राष्ट्र में सियासी तूफान पैदा हो गया है और विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर रिए्क्शन आ रहे हैं. मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी और पीपुल्स नेशनल फ्रंट ने पूरे मुद्दे की जांच की मांग की है. पूर्व उपराष्ट्रपति डाक्टर मोहम्मद जमील अहमद ने लीक हुई खुफिया रिपोर्ट के बाद मुइज्जू पर महाभियोग चलाने की मांग की.

पांच महीने में फेल रही मुइज्जू सरकार
उधर, एमडीपी नेता और पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने बोला कि उनकी पार्टी जीत को लेकर आशावादी है क्योंकि मुइज़ू गवर्नमेंट पिछले पांच महीनों में घरेलू और विदेशी दोनों नीतियों में विफल रही है और मालदीव के लोग भी लोकतांत्रिक मूल्यों में गिरावट देख रहे हैं. शाहिद ने बोला कि मुइज्जू “झूठ और नफरत फैलाकर” चुनाव जीते और सभी विकास परियोजनाएं रोक दी गईं. राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों में कर्मचारियों को धमकाना जैसे काम किए जा रहे हैंहै. विपक्ष के हजारों लोगों को निलंबन और जॉब से बर्खास्त करने की धमकी दी गई है.

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