इजरायली मिलिट्री एक्शन की वजह से गाजा में हुई तबाही
World News in Hindi: अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इजरायली मिलिट्री ऑपरेशन की वजह से गाजा में आम नागरिकों की मृत्यु होने की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में बहुत से फिलिस्तीनी मारे गए हैं और बहुत से लोगों को हानि उठाना पड़ा है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब इजरायली मिलिट्री एक्शन की वजह से गाजा में हुई तबाही के विरुद्ध असंतोष बढ़ता जा रहा है।
भारत-अमेरिका ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता के अंत में एक मीडिया ब्रीफिंग में ब्लिंकन ने कहा, ‘पिछले कुछ हफ्तों में बहुत से फिलिस्तीनी मारे गए हैं, बहुत से लोगों को हानि उठाना पड़ा है। हम उन्हें हानि से बचाने और उन्हें मिलने वाली सहायता को अधिकतम करने के लिए हर तरह की प्रयास करना चाहते हैं।’
‘इजरायल के साथ चर्चा जारी रखेंगे’
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, ‘इसके लिए, हम इजरायल के साथ उन ठोस कदमों पर चर्चा करना जारी रखेंगे जो इन उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए उठाए जा सकते हैं। हम (हमास द्वारा) बंधक बनाए गए लोगों को मुक्त कराने के कोशिश पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे।’
शिफा हॉस्पिटल से भागने को विवश हुए लोग
बता दें गाजा में इजरायल के मिलिट्री एक्शन की उग्रता कम होने का नाम नहीं ले रही है।
इस बीच गाजा के उत्तरी युद्ध क्षेत्र से जान बचाकर भाग रहे फिलिस्तीनी नागरिकों ने बोला कि शहर के बीच में स्थित शिफा हॉस्पिटल में शरण लिए हुए हजारों लोग रात भर हुए धमाकों के बाद वहां से भाग गए।
बता दें हॉस्पिटल में 80,000 लोग शरण लिये हुए थे। हॉस्पिटल से शुक्रवार को भागे लोगों में से कुछ ने बोला कि इमारत में बुरी तरह से घायल सैकड़ों मरीज और चिकित्सक ही रह गए हैं।
WHO ने कि हॉस्पिटल के पास हमले की निंदा
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डाक्टर टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस ने शनिवार तड़के एक बयान में कहा, ‘गाजा शहर के अल-शिफा हॉस्पिटल के पास इजरायली हमलों की रिपोर्ट से डब्ल्यूएचओ ‘बेहद परेशान’ है। घेब्रेयेसस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘कई हेल्थ वर्कर को सुरक्षा की तलाश में हॉस्पिटल छोड़ने के लिए विवश होना पड़ा।’ उन्होंने लिखा कि हॉस्पिटल में शरण लिए हुए हजारों लोगों में से कई भाग गए, जबकि वहां अभी भी कई बाकी हैं।’
फिलिस्तीनी ऑफिसरों का बोलना है कि इजरायल के मिलिट्री ऑपरेशन प्रारम्भ करने के वाद से गाजा में 10,000 से अधिक लोग मारे