अंतर्राष्ट्रीय

पुतिन की इस चाल से सहमा यूरोप

India Russia Trade Route: भारत-रूस के संबंध अटूट हैं जियोपॉलिटिक्स की बात हो तो हिंदुस्तान पूरी दुनिया की फिक्र करता है लेकिन भारत-रूस के साझा हितों की बात कुछ और है नयी दिल्ली-मॉस्को के रिश्तों की बानगी की बात करें तो मुंबई-मॉस्को रूट के काम में तेजी आई है अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार पर मंडरा रहे ‘हूथी’ नाम के खतरे से दूर ये वो अहम रूट है, जिससे भारत-रूस की तरक्की और खुशहाली का रास्ता निकलेगा इस गलियारे का नाम इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर है जिसकी लंबाई ‎7200 km है भारत, रूस ईरान और‎ अजरबैजान इसके पार्टनर हैं इस रूट में समुद्र, रेल और सड़क के जरिए 45 दिन की बजाए 10 दिन में बिजनेस कंसाइमेंट हिंदुस्तान से रूस पहुंचाया जा सकेगा

पुतिन के एक निर्णय से यूरोप पस्त- ENSTC की अहमियत समझिए

‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार पुतिन ने इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर प्रोजेक्ट में तेजी दिखाते हुए ईरान को 12000 करोड़ का फंड दिया है जिसका इस्तेमाल ईरान 160 किमी लंबे रेल रूट को जल्द प्रारम्भ करने के लिए करेगा ईरान के रास्त शहर को अस्तारा से जोड़ने वाले रेल ट्रैक का काम तेजी से चल रहा है बताया जा रहा है कि अजरबैजान में रेलवे ट्रैक और यार्ड का काम इस वर्ष दिसंबर तक पूरा हो जाएगा वहीं पूरा कॉरिडोर 2028 तक तैयार होने की आशा जताई जा रही है

इसका सीधा लाभ मुंबई मॉस्को कॉरिडोर को कैसे मिलेगा? आइए बताते हैं अभी मुंबई से मॉस्को तक माल की ढुलाई के लिए 14 हजार km दूरी तय करनी पड़ती है ये रास्ता स्वेज नहर से होकर जाता है जिसमें 45 दिन का समय लगता है भाड़ा भी बहुत लगता है लेकिन दूसरा कोई चारा नहीं होने की वजह से लोग आयात-निर्यात के लिए इसी रूट पर निर्भर हैं INSTC बनने के बाद से माल भेजने में बस 10 दिन का समय लगेगा ट्रांसपोर्ट लागत भी कम होगी और सोने पे सुहागा ये कि इस रूट पर यमन के हूथी आतंकवादियों का खतरा भी नहीं होगा

ईरान की सहायता कर रहे हिंदुस्तान और रूस

आपको गौरतलब है कि पाक के खतरे को देखते हुए हिंदुस्तान ने ईरान में एक बंदरगाह का निर्माण कराया है भारत, तेहरान के कई प्रोजेक्ट्स में निवेश कर रहा है इसी तरह रूस भी ईरान को हर तरह से योगदान कर रहा है ईरान को मुंबई मॉस्को कॉरिडोर के लिए रूस और हिंदुस्तान से महत्वपूर्ण मशीने मिल रही हैं रूस-भारत से ईरान और अजरबैजान की हर आवश्यकता पूरी हो रही है यही वजह है कि कॉरिडोर के काम में 2024 के पहले तीन महीनों में अभूतपूर्व तेजी आई है अमेरिका, ईरान को शत्रु नंबर 1 मानता है ऐसे में खुशहाली के इस रास्ते पर यूरोपियन यूनियन के साथ बाइडेन प्रसासन भी नजर गड़ाए हुए है

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