अंतर्राष्ट्रीय

इजरायल-हमास युद्ध के चलते गाजा में फैली भुखमरी

गाजा में इस वक्त खाने-पीने का अकाल पड़ गया है। हालत यह है कि गाजा की कम से कम एक चौथाई आबादी यानी 5,76,000 लोग भुखमरी के कगार पर हैं। वहीं गाजा की अन्य आबादी भी खाद्य सामग्री की गंभीर जरूरत से जूझ रही है। इसके परिणामस्वरूप भूख से तड़प रहे लोग न सिर्फ राहत सामग्री वाले ट्रकों पर गोलियां चला रहे हैं, बल्कि उन ट्रकों को लूट भी रहे हैं। ऐसे में राहत सामग्री जरूरतमंदों तक पहुंचाना मुश्किल हो रहा है। रास्ते में ही लोग राहत सामग्री लूटने के लिए ट्रकों को निशाना बना रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र (संरा) के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। संरा मानवतावादी कार्यालय और संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के अधिकारियों ने गाजा के हालात का वर्णन करते हुए बताया कि युद्धग्रस्त गाजा की 23 लाख की पूरी आबादी खाद्य असुरक्षा के गंभीर खतरे या बदतर हालात से जूझ रही है। इतना ही नहीं उत्तरी गाजा में हालात और ज्यादा खराब हैं, जहां लोगों को खाने-पीने की वस्तुओं से लेकर अन्य मानवीय आपूर्ति की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।

भूख से बिगड़े गाजा के हालात

गाजा के मौजूदा हालातों को बयां करते हुए संरा के मानवतावादी समन्वयक रमेश रामसिंघम ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि हालात के और भी ज्यादा खराब होने की पूरी आशंका है। उन्होंने कहा कि गाजा की एक चौथाई आबादी भुखमरी के कगार पर पहुंच चुकी है और उत्तरी गाजा में दो साल से कम उम्र के हर छह में से एक बच्चा कुपोषण का शिकार हो रहा है। विश्व खाद्य कार्यक्रम के उप कार्यकारी निदेशक कार्ल स्काऊ ने कहा कि गाजा में बच्चों के कुपोषण का यह स्तर दुनिया के किसी भी हिस्से में देखा गया अब तक का सबसे गंभीर स्तर है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हालात में बदलाव नहीं आया तो उत्तरी गाजा में अकाल फैल जाएगा

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