अंतर्राष्ट्रीय

इस संकट के राजनीतिक और भू-राजनीतिक परिणाम पूरी दुनिया को पड़ेगा भुगतना

भारत और कनाडा इस समय एक अभूतपूर्व राजनयिक संकट से जूझ रहे हैं इस संकट के सियासी और भू-राजनीतिक रिज़ल्ट पूरी दुनिया को भुगतना पड़ सकते हैं शायद यही वजह है कि कनाडा के जो मित्र राष्ट्र हैं, वे भी इस मसले पर उसका साथ नहीं दे रहे हैं टकराव की आरंभ कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के उस इल्जाम से हुई, जिसमें उन्होंने कनाडाई संसद को कहा कि जून में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की मर्डर में हिंदुस्तान की संलिप्तता है

संसद में ट्रूडो ने बोला कि इस हत्याकांड में भारतीय सरकारी एजेंटों के शामिल होने की खुफिया जानकारी है ऐसी खबरें आम तौर पर लोकतांत्रिक सहयोगियों के बीच बवाल पैदा करती हैं लेकिन इस बार ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है हिंदुस्तान की जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के कुछ ही दिनों बाद कनाडाई प्रधान मंत्री के हमले ने पश्चिमी राष्ट्रों को अजीब स्थिति में डाल रहा है

संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा के गठबंधन को ‘फाइव आइज’ बोला जाता है लेकिन इस समूह के किसी भी राष्ट्र ने अब तक सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की मर्डर में कथित संलिप्तता के लिए हिंदुस्तान की आलोचना नहीं की है हालांकि, इन राष्ट्रों ने ताजा टकराव पर अपनी चिंता व्यक्त की है और पूरी जांच का आग्रह किया है ऐसा इसलिए संभव हो सका है क्योंकि अमेरिका समेत अनेक पश्चिमी राष्ट्र हिंदुस्तान को चीन के मुकाबले एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में देखते हैं, जो क्षेत्रीय संतुलन में काफी अर्थ रखता है

भू-राजनीति के कुछ जानकारों का बोलना है कि ऐसा मुख्य रूप से चीन के कारण हुआ है पश्चिमी राष्ट्र बीजिंग की बढ़ती शक्ति और मुखरता के विरोध के रूप में हिंदुस्तान के साथ संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं कनाडा के अहम सहयोगियों की भी यही अहमियत है इसलिए कोई भी राष्ट्र हिंदुस्तान को नाखुश नहीं कर सकता अल जजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ओटावा के कार्लटन यूनिवर्सिटी में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की प्रोफेसर स्टेफ़नी कार्विन ने कहा, “चीन को संतुलित करने के लिए पश्चिमी गणनाओं में हिंदुस्तान जरूरी है, कनाडा नहीं है” यही वजह है कि कनाडा को इस मुद्दे में अन्य सभी पश्चिमी राष्ट्रों से समर्थन नहीं मिल सका है और वह अलग-थलग पड़ चुका है

इससे भी दो कदम आगे की बात यह है कि हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और कई विश्लेषकों का मानना ​​है कि 2030 तक यह जापान और जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी लिहाजा, 140 करोड़ की जनसंख्या वाला हिंदुस्तान दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक के साथ विश्व बिरादरी में एक अग्रणी शक्ति बन चुका है दूसरी बात यह है कि, जो राष्ट्र कनाडा के मित्र देश हैं, वे सभी हिंदुस्तान के भी अच्छे दोस्त हैं ऐसे में कोई भी राष्ट्र कनाडा के लिए हिंदुस्तान से अपने संबंधों को बिगाड़ना नहीं चाह रहा

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