अंतर्राष्ट्रीय

केमिकल हथियार हमास के हाथ लगने का दावा,इजराइली सेना के उड़े होश

Israel Hamas War: इजराइल और हमास के बीच जोरदार संघर्ष जारी है इजराइल ने गाजा पट्टी पर जोरदार हमले किए हैं उधर, हमास और लेबनान स्थित आतंकवादी संगठन हिजबुल्ला और यमन के हूती विद्रोही लगातार इजराइल पर धावा कर रहे हैं इसी बीच इजराइल ने एक सनसनीखेज दावा किया है इजराइल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग ने दावा किया है कि हमास के जिन आतंकवादियों ने 7 अक्टूबर को म्यूजिक फेस्टिवल पर धावा किया था, उन्हें केमिकल हथियार बनाने के निर्देश दिए गए थे इजराइली सेना के मुताबिक किबुत्ज के म्यूजिक फेस्टिवल में अटैक करने वाले कुछ आतंकवादी मारे गए थे उन आतंकवादियों की लाशों को जब बारीकी से परीक्षण किया गया, तो आतंकवादियों के पास से केमिकल हथियार बनाने का सामान बरामद हुआ इसे देखकर इजराइली सेना के होश उड़ गए आतंकवादियों से मिले सामान में साइनाइड भी शामिल है

अलकायदा से क्या है केमिकल हथियारों का संबंध?

इजराइली राष्ट्रपति का यह दावा बहुत चौंकाने वाला है क्योंकि जब भी आतंकवादियों के हाथ घातक हथियार लगे हैं, तब उसका रिज़ल्ट बहुत बुरा ही रहा है इजराइली राष्ट्रपति ने एक और बड़ा खुलासा किया है जो दंग करने वाला है इजराइली राष्ट्रपति ने खुलासा किया कि आतंकवादियों की लाशों के सूक्ष्म परीक्षण के दौरान जो केमिकल हथियार बनाने का सामान बरामद हुआ, उसका संबंध घातक आतंकवादी संगठन अलकायदा से है

इजरायली राष्ट्रपति ने इस दावे को सिद्ध करने के लिए कई कागज भी मीडिया को दिखाए हैं ऐसा नहीं है कि पहली बार आतंकवादियों के हाथ केमिकल हथियार लगे हैं इससे पहले ISIS से लेकर अलकायदा तक केमिकल हथियार इस्तेमाल कर चुके हैं अलकायदा सुप्रीमो ओसामा बिन लादेन ने तो अपने कुत्तों पर केमिकल हथियारों का ट्रायल किया था लादेन के चौथे बेटे उमर ने एक साक्षात्कार के दौरान अपने पिता के साथ अपने संबंधों पर खुलकर बात की थी

कैसे काम करते हैं केमिकल हथियार?

केमिकल हथियार गैस या लिक्विड का एक घातक ​मिश्रण होते हैं इनमें बड़ी मात्रा में तबाही मचाने की क्षमता होती है ये हथियार मनुष्यों के अतिरिक्त जानवरों और पक्षियों को भी गंभीर रूप से बीमार कर देते हैं सबसे वीभत्स चेहरा इन केमिकल वीपन्स का यह है कि इसके इस्तेमाल के बाद लोगों की मृत्यु तड़प तड़पकर होती है

पहली बार प्रथम विश्वयुद्ध में हुआ था ऐसे हथियारों का उपयोग

पहली बार रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल प्रथम विश्व युद्ध (1914 से 1918) में हुआ था तब जंग में दोनों पक्षों को गंभीर हानि पहुंचाने के लिए दुम घोंटने वाली क्लोरीन फॉस्जीन, त्वचा पर जानलेवा जलन पैदा करने वाली मस्टर्ड गैस का इस्तेमाल किया गया था उस समय इन घातक हथियारों की वजह से एक लाख से अधिक मौतें हुई थीं

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