अंतर्राष्ट्रीय

नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड पिछले 14 महीनों में तीसरी बार विश्वास मत जीतने में रहे सफल

नई दिल्ली . नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड बुधवार को पिछले 14 महीनों में तीसरी बार विश्वास मत जीतने में सफल रहे.

अध्यक्ष देवराज घिमिरे ने बोला कि पीएम प्रचंड ने 157 वोट हासिल किए, जबकि उनके विरोध में 110 सांसदों ने वोट किया.

संसद सचिव ने बोला कि 275 सदस्यों में से 268 उस समय सदन में उपस्थित थे, जब वोटिंग हो रही थी.

पीएम प्रचंड को यूएमएल, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी, सीपीएन (यूनिफाइड सोशलिस्ट) और कुछ स्वतंत्र सांसदों का समर्थन प्राप्त था.

इससे पहले पीएम प्रचंड ने नेपाली कांग्रेस पार्टी से अपना रास्ता अलग करते हुए कम्युनिष्ट पार्टी ऑफ नेपाल सहित अन्य दलों के साथ गठबंधन कर लिया था.

सीपीएन-यूएमएल के समर्थन से वह वर्ष 2022 के दिसंबर महीने में पीएम बन गए थे, लेकिन महज दो महीने के भीतर उन्होंने गठबंधन तोड़कर नेपाली कांग्रेस पार्टी से हाथ मिला लिया था.

मार्च 2023 में उन्होंने नेपाली कांग्रेस पार्टी के समर्थन से दूसरी बार विश्वास मत हासिल कर लिया और इसके बाद मंत्रियों को पार्टी में से शामिल किया, लेकिन नेपाली कांग्रेस पार्टी के साथ उनके संबंध अच्छे नहीं रहे.

मार्च के पहले हफ्ते में प्रचंड ने नेपाली कांग्रेस पार्टी से अपना गठबंधन तोड़ लिया और इसके बाद उन्होंने यूएमएल और दूसरी अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन कर लिया, जिसे कुछ लोगों ने बीजिंग समर्थन गठबंधन भी बताया.

यूएमएल चेयरमैन केपी ओली ने साफ कर दिया कि हाल ही में हुए सत्ता बदलाव में चीन की कोई किरदार नहीं है.

उन्होंने उन सभी कयासों को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें यह बोला जा रहा था कि चीन ही नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी गवर्नमेंट लेकर आया है. उन्होंने आगे कहा, “हम ही हैं, जिन्होंने यह गठबंधन बनाया है.

सदन की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने बोला कि विश्वास मत हासिल करना जरूरी हो जाता है. आर्थिक विकास और सियासी स्थिरता के लिए यह महत्वपूर्ण है.

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “मुझे राष्ट्रवाद,आत्म सम्मान और संप्रभुता पर गर्व करने के लिए संसद की सहायता की आवश्यकता है. मैं सदन को यह विश्वास दिलाता हूं कि आनें वाले दिनों में राष्ट्र में कई स्टर्टअप और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा.

उन्होंने आगे बोला कि स्वशासन के प्रारम्भ होने से लोगों का विश्वास लोकतंत्र पर बहाल हुआ है. स्वशासन और पब्लिक सर्विस की बदौलत ही लोगों का विश्वास राष्ट्र के प्रति मजबूत हुआ है.

 

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