राफा में 1.5 मिलियन लोगों के भविष्य को लेकर नेतन्याहू का आया बयान
Israel-Hamas War News: इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को बोला राफा में फंसे नागरिक इजरायील सैनिकों की एंट्री से पहले पहले वहां से निकल सकेंगे। राफा में उपस्थित लगभग 1.5 मिलियन लोगों (अधिकांश विस्थापित) के भविष्य को लेकर अंतर्राष्ट्रीय चिंताओं के बीच नेतन्याहू का यह बयान आया है। इससे पहले शुक्रवार को उनके कार्यालय ने एक बयान में बोला कि राफा में एक ऑपरेशन के साथ-साथ ‘आबादी की निकासी’ के लिए सेना की योजना को स्वीकृति दे दी है।
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार नेतन्याहू ने जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘राफा में शेष आतंकी बटालियनों को समाप्त करने का हमारा लक्ष्य नागरिक जनसंख्या को राफा छोड़ने में सक्षम बनाने के साथ-साथ चलेगा। यह ऐसा कुछ नहीं है जिसे हम जनसंख्या को एक स्थान पर बंद करके रखेंगे।‘
रिपोर्ट के अनुसार स्कोल्ज ने भी यह प्रश्न उठाया, ’15 लाख से अधिक लोगों की सुरक्षा कैसे की जानी चाहिए? उन्हें कहां जाना चाहिए?’
अमेरिका के अलग स्वर
राफा पर संभावित हमले लेकर अमेरिका के स्वर भी कुछ अलग लग रहे हैं। वाशिंगटन ने बोला है कि वह नागरिकों को निकासी सुनिश्चित करने के लिए एक ‘स्पष्ट और लागू हो सके ऐसी योजना’ चाहता है। बता दें अमेरिका इजरायल को अरबों $ की मिलिट्री सहायता देता है।
हमास का अंतिम गढ़
बता दें गाजा में हमास के अंतिम बचे गढ़ राफा और उसके आसपास लगभग 15 लाख लोग उपस्थित हैं। इनमें से ज्यादातर विस्थापित हैं और बहुत कठिन हालात में मिस्र की सीमा के पास फंसे हुए हैं।
नेतन्याहू राफा पर कार्रवाई पर अड़े
स्कोल्ज से मिलने से पहले, नेतन्याहू ने एक कैबिनेट बैठक में बोला कि ‘कोई भी अंतर्राष्ट्रीय दबाव हमें युद्ध के सभी लक्ष्यों को पाने से नहीं रोक पाएगा’ और ऐसा करने के लिए, ‘हम राफा में भी काम करेंगे।’
गाजा में 31 हजार से अधिक लोगों की मौत
7 अक्टूबर को हमास के सबसे बड़े हमले में इजरायल में लगभग 1,160 मौतें हुईं, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे। फिलिस्तीनी ग्रुप ने लगभग 250 इज़रायली और विदेशी लोगों को भी बंधक लिया था, जिनमें से दर्जनों को नवंबर में एक हफ्ते के संघर्ष विराम के दौरान रिहा कर दिया गया था। इजरायल का मानना है कि गाजा में लगभग 130 बंदी बचे हैं, जिनमें 32 मृत मान लिए गए हैं।