अंतर्राष्ट्रीय

उत्तर कोरिया जासूसी उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने की कोशिश में फिर नाकाम

North Korea Spy Satellite Launch Unsuccessful: एक तरफ जहां दुनिया में हिंदुस्तान चंद्रयान-3 मून मिशन की सफलता का डंका बज रहा है वहीं उत्तर कोरिया को जासूसी उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने की अपनी लेटेस्ट प्रयास में फिर नाकामी हाथ लगी है  देश की सरकारी मीडिया ने गुरुवार को यह जानकारी दी बता दें प्योंगयांग का पहला प्रक्षेपण के कुछ ही महीनों बाद विस्फोट के तुरंत बाद समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने आकाश से नज़र को शासन की सर्वोच्च अहमियत बना दिया है उनके परमाणु-सशस्त्र राष्ट्र का दावा है किक्षेत्र में बढ़ती अमेरिकी सेना गतिविधि को देखते हुए संतुलन स्थापित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है

राज्य मीडिया ने कहा, ‘उत्तर कोरिया के नेशनल एयरोस्पेस डेवलपमेंट एडमिनिस्ट्रेशन ने 24 अगस्त की सुबह उत्तरी फ्योंगान प्रांत के चोलसन काउंटी में सोहे सैटेलाइट लॉन्चिंग ग्राउंड में नए प्रकार के कैरियर रॉकेट चोलिमा -1 पर सवार टोही उपग्रह मल्लीगयोंग -1 का दूसरा प्रक्षेपण किया

तीसरे चरण में हुई गड़बड़ी
आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में बोला गया है, ‘रॉकेट के पहले और दूसरे चरण की उड़ानें सामान्य थीं, लेकिन तीसरे चरण की उड़ान के दौरान इमरजेंसी विस्फोट प्रणाली में त्रुटि के कारण प्रक्षेपण विफल रहा

रिपोर्ट के अनुसार ‘संबंधित हादसा का कारण कोई बड़ा मामला नहीं है’ और परेशानी की जांच करने और इसे ठीक करने के तरीका करने के बाद अक्टूबर में तीसरा प्रक्षेपण किया जाएगा

अमेरिका और दक्षिण कोरिया का सेना अभ्यास
यह प्रक्षेपण ऐसे समय में हुआ जब कुछ दिनों पहले वाशिंगटन, सियोल और टोक्यो के नेताओं की संयुक्त राज्य अमेरिका के कैंप डेविड में मुलाकात हुई थी इसके साथ ही हाल ही में अमेरिका-दक्षिण कोरिया का संयुक्त सेना अभ्यास प्रारम्भ हुआ है अमेरिका-दक्षिण कोरिया का यह वार्षिक सेना अभ्यास हमेशा उत्तर कोरिया को नाराज करता आया है इस अभ्यास को उल्ची फ्रीडम शील्ड के नाम से भी जाना जाता है यह 31 अगस्त तक चलेगा

उत्तर-दक्षिण कोरिया के बीच संबंध हाल के सालों में सबसे निचले स्तर पर हैं प्योंगयांग के परमाणु निरस्त्रीकरण पर चर्चा के असफल प्रयासों के बाद कूटनीति रुकी हुई है किम ने उत्तर कोरिया को ‘अपरिवर्तनीय” परमाणु शक्ति घोषित किया है और सामरिक परमाणु हथियारों सहित अन्य हथियारों के उत्पादन में वृद्धि का आह्वान किया है

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