अंतर्राष्ट्रीय

एस जयशंकर ने इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध में नागरिकों की मौत पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा…

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध में नागरिकों की मृत्यु पर चिंता व्यक्त करते हुए बोला है कि फिलिस्तीनियों को उनकी मातृभूमि से वंचित कर दिया गया है. उन्होंने हमास द्वारा 7 अक्टूबर के खतरनाक हमले के बाद चल रही जवाबी कार्रवाई में इज़राइल से अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने का भी आग्रह किया. हालाँकि, एस जयशंकर ने स्वीकार किया कि 7 अक्टूबर का धावा “आतंकवाद” था.

इजराइल-हमास युद्ध के बीच फिलिस्तीन पर क्या कहे विदेश मंत्री एस जयशंकर?

एस जयशंकर ने मलेशिया में एक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के साथ वार्ता के दौरान यह बयान दिया. एस जयशंकर ने समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से बोला था “कितने भिन्न-भिन्न खींचतान और दबाव हो सकते हैं. एक तरफ, 7 अक्टूबर को जो हुआ वह आतंकवाद था. दूसरी तरफ, कोई भी बेगुनाह नागरिकों की मृत्यु को बर्दाश्त नहीं करेगा. उत्तर देने में राष्ट्र अपने मन से मुनासिब हो सकते हैं, लेकिन आप ऐसा नहीं कर सकते.” एक प्रतिक्रिया जो…प्रत्येक प्रतिक्रिया को अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून नामक किसी चीज़ को ध्यान में रखना चाहिए.

उन्होंने कहा, “तथ्य यह है कि मामले के अधिकार और गलतियाँ जो भी हों, इसमें फिलिस्तीनियों के अधिकारों का अंतर्निहित मामला है और तथ्य यह है कि उन्हें उनकी मातृभूमि से वंचित कर दिया गया है.” भारत ने लंबे समय से चल रहे इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष के लिए ‘दो-राज्य समाधान’ का समर्थन जारी रखा है. इस बीच, विदेश मंत्री ने मलेशिया में विभिन्न कंपनियों के सीईओ के साथ एक गोलमेज बैठक की और भारतीय उद्योगों के साथ साझेदारी में उनकी बढ़ती रुचि की सराहना की.

7 अक्टूबर का धावा क्या था?

7 अक्टूबर, 2023 को हमास ने इज़राइल के दक्षिणी हिस्से में खतरनाक धावा किया. हमले में हमास के आतंकियों ने स्त्रियों और बच्चों सहित सैकड़ों नागरिकों की मर्डर कर दी. आतंकियों ने 200 से अधिक इजराइलियों को भी बंधक बना लिया, जिनमें से कई अभी भी गाजा में उनकी हिरासत में हैं. इस भयानक हमले को “7 अक्टूबर का हमला” बोला गया.

इज़राइल ने गाजा में हमास के विरुद्ध एक बड़ा सेना आक्रमण प्रारम्भ करके जवाबी कार्रवाई की, जिससे इज़राइल-हमास युद्ध चल रहा है. इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि सेना हमले का उद्देश्य हमास की हिरासत के अनुसार सभी बंधकों को मुक्त करना और गाजा में आतंकी नेटवर्क को “पूरी तरह से नष्ट” करना है.

चल रहे युद्ध में, नवंबर में एक संक्षिप्त युद्धविराम हुआ था, जिसके दौरान इजरायली जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले में हमास की हिरासत में लगभग सौ बंधकों को रिहा कर दिया गया था. हालाँकि, तब से, शेष इजरायली बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने और युद्ध रोकने के कोशिश और वार्ता विफल रही हैं. गाजा मंत्रालय के अनुसार, युद्ध के परिणामस्वरूप गाजा में 32,000 से अधिक लोग मारे गए हैं.

 

फिलीपीन से दिया चीन को जवाब 

इससे पहले जयशंकर अपनी आशियान राष्ट्रों की यात्रा के दौरान फिलीपीन गये थे. वहां उन्होंने फिलीपीन के साथ हिंदुस्तान के संबंधों को मधुर करने की दिशा में कार्य किया और चीन को अपनी राजनायिक सूझबूझ ने मालद्वीप वाले मुदेद पर उत्तर भी दे किया. विदेश मंत्री एसजयशंकर ने दक्षिण चीन सागर के मामले पर राष्ट्र के रुख को सार्वजनिक रूप से रखते हुए मंगलवार को बोला कि हिंदुस्तान अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता को बनाए रखने में फिलीपीन का दृढ़ता से समर्थन करता है. उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय की है जब फिलीपीन और चीन वर्तमान में संसाधनों से समृद्ध इस क्षेत्र को लेकर सीमा टकराव में उलझे हुए हैं. जयशंकर ने मनीला में फिलीपीन के विदेश मंत्री एनरिक मनालो के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ये टिप्पणियां कीं. जयशंकर ने संभवत: पहली बार दक्षिण चीन सागर मामले पर हिंदुस्तान के रुख का संकेत देते हुए कहा, ‘‘मैं इस अवसर पर फिलीपीन की राष्ट्रीय संप्रभुता को बनाए रखने के लिए हिंदुस्तान के समर्थन को मजबूती से दोहराता हूं.’’

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