ओमान, कतर, अल्जीरिया समेत इन देशों ने किया युद्धविराम का समर्थन, अमेरिका समेत इन देशों ने किया विरोध
इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है। युद्धविराम को लेकर बुधवार को एक बार फिर संयुक्त देश महासभा (UNGA) में वोटिंग हुई। आपात बैठक के दौरान हुई इस वोटिंग में हिंदुस्तान समेत 153 राष्ट्रों ने तुरंत युद्धविराम कराए जाने के पक्ष में वोट किया। जबकि, अमेरिका इजरायल समेत कुल 10 राष्ट्रों ने इस युद्धविराम के विरोध में वोटिंग की। 23 राष्ट्र ऐसे भी थे, जिन्होंने वोटिंग नहीं की। UNGA में पेश मसौदा प्रस्ताव में इजरायल-हमास संघर्ष में तुरन्त मानवीय युद्धविराम के साथ ही सभी बंधकों की बिना शर्त रिहा करने की भी मांग की गई थी।
भारत ने सीजफायर के पक्ष में किया वोट, अमेरिका ने किया विरोध
भारत ने संयुक्त देश महासभा में इजरायल-हमास के बीच युद्धविराम मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। हिंदुस्तान समेत 153 राष्ट्रों ने इसका समर्थन किया। वहीं, अमेरिका समेत 10 राष्ट्रों ने युद्धविराम के प्रस्ताव का विरोध किया। जबकि, 23 राष्ट्रों ने वोटिंग से दूरी बनाई। इससे पहले अक्टूबर में इजरायल-हमास के बीच तुरन्त मानवीय युद्ध विराम और गाजा पट्टी में बिना रुकावट मानवीय पहुंच वाले प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान हिंदुस्तान ने दूरी बना ली थी।
इन राष्ट्रों ने किया युद्धविराम का समर्थन
संयुक्त देश महासभा (UNGA) में पेश प्रस्ताव में हमास का नाम नहीं था। इस प्रस्ताव के समर्थन में हिंदुस्तान के अतिरिक्त सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, इराक, कुवैत, ओमान, कतर, अल्जीरिया, बहरीन और फिलिस्तीन जैसे 153 राष्ट्रों ने वोट किया। प्रस्ताव में सभी बंधकों की तुरन्त और बिना शर्त रिहाई की मांग की गई। इसके साथ ही सभी पक्षों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार अपने दायित्वों का पालन करने की बात कही गई।
अमेरिका समेत इन राष्ट्रों ने किया विरोध
इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के बीच पेश इस प्रस्ताव का अमेरिका ने संयुक्त देश महासभा (UNGA) में विरोध किया। अमेरिका के अतिरिक्त इजरायल, लाइबेरिया, पापुआ न्यू गिनी, ऑस्ट्रिया, चेक रिपब्लिक, माइक्रोनेशिया, नाउरू, ग्वाटेमाला और परागुआ ने विरोध किया। इन राष्ट्रों ने युद्धविराम की मांग वाले प्रस्ताव के विरुद्ध मतदान किया।
पिछली बार से अधिक राष्ट्रों ने किया युद्धविराम का समर्थन
इजरायल हमास के बीच युद्धविराम को लेकर जब एक बार फिर वोटिंग हुई तो पिछली बार से भी अधिक राष्ट्रों युद्धविराम का समर्थन किया है। पिछली बार इस प्रस्ताव के पक्ष में 120 वोट और विपक्ष में 14 वोट मिले थे। वहीं, अनुपस्थितों की संख्या 45 रही थी। जबकि, इस बार 153 राष्ट्रों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग की, 10 राष्ट्रों ने विरोध किया और 23 राष्ट्रों ने वोटिंग से दूरी बनाई। अब देखना होगा कि इजरायल इसे लेकर क्या प्रतिक्रिया देता है। और क्या इस बार हुई वोटिंग के बाद युद्धविराम को लेकर कोई सहमति बनती है या नहीं।