अंतर्राष्ट्रीय

हर 76 मिनट में घड़ी की सुइयों की तरह स्पंदन यह Black Hole, जानें वजह

वैज्ञानिकों ने एक ब्लैक होल में अनोखी खूबी को खोजा है यह ब्‍लैक होल पृथ्‍वी से 25 हजार प्रकाश साल से ज्‍यादा दूर है और आकार में हमारे सूर्य से 40 लाख गुना ज्‍यादा बड़ा है एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, मैक्सिको की नेशनल ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक गुस्तावो मैगलैनेस-गुइजोन और सर्जियो मेंडोजा ने इस ब्‍लैक के बारे में जानकारी जुटाई है पाया है कि यह हर 76 मिनट में घड़ी की सुइयों की तरह ‘स्पंदन’ (pulsing) करता है

इस ब्‍लैक होल का नाम है- सैगिटेरियस ए (Sagittarius A) वैज्ञानिकों का बोलना है कि ब्‍लैक होल की गामा-किरण में उतार-चढ़ाव हो रहा है अनुमान है कि ब्‍लैक होल चारों ओर ऐसा कुछ ऑर्बिटल मोशन (कक्षीय गति) है, जिसकी वजह से यह स्‍पंदन हो रहा है

फ‍िलहाल ब्‍लैक होल से किसी रेडिएशन का पता नहीं चला है जो छायाएं इसके आसपास दिख रही हैं, वह इतनी गहरी काली हैं कि टेलीस्‍कोप से दिखाई ही नहीं देतीं खगोलविदों ने ब्लैकहोल के एरिया में एक पैटर्न का भी पता लगाया है हालांकि इसके बारे में उन्‍हें ज्‍यादा जानकारी नहीं है

वैज्ञानिकों का बोलना है कि यह ब्‍लैक होल हर 76.32 मिनट में गामा रेडिएशन की एक किरण छोड़ता है वैज्ञानिकों ने इस “ब्रह्मांड में प्रकाश की सबसे ऊर्जावान तरंग दैर्ध्य सीमा (most energetic wavelength range of light in the universe)” करार दिया गया था

ब्‍लैक होल ऐसी पहेली हैं, जिनके बारे में सबकुछ जानने के लिए वैज्ञानिक सालों से जुटे हुए हैं ब्‍लैक होल को सरल शब्‍दों में समझना हो, तो यह हमारे ब्रह्मांड में ऐसी जगहें हैं, जहां फ‍ि‍ज‍िक्‍स का कोई नियम काम नहीं करता वहां केवल गुरुत्वाकर्षण है और घना अंधेरा ब्‍लैक होल्‍स का गुरुत्वाकर्षण इतना पावरफुल होता है, कि उसके असर से रोशनी भी नहीं बचती जो भी चीज ब्‍लैक होल के अंदर जाती है, वह बाहर नहीं आ सकती
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