अंतर्राष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद रमजान के दौरान गाजा में मानवीय संघर्ष विराम की मांग वाले प्रस्ताव पर मतदान को तैयार

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त देश सुरक्षा परिषद मुस्लिमों के पवित्र महीने रमजान के दौरान गाजा में मानवीय संघर्ष विराम की मांग वाले प्रस्ताव पर मतदान करने के लिए तैयार है. हालांकि, अमेरिका ने चेताया है कि इस तरह के कदम से हमास की तरफ से बंधक बनाए गए लोगों को रिहा कराने के इजराइल के प्रयासों को झटका लग सकता है. परिषद में शनिवार को मतदान होने की आसार है. परिषद के 10 निर्वाचित सदस्यों की ओर से प्रस्तुत प्रस्ताव को रूस और चीन का समर्थन प्राप्त है जबकि दोनों राष्ट्रों ने शुक्रवार को गाजा में तुरन्त युद्धविराम संबंधी एक अमेरिकी प्रस्ताव पर वीटो का इस्तेमाल किया था. इस बीच संयुक्त देश में 22 राष्ट्र के अरब समूह ने शुक्रवार रात एक बयान जारी कर परिषद के सभी 15 सदस्यों से ‘‘एकता और तत्परता के साथ कार्य करने, रक्तपात को रोकने, मानव जीवन की रक्षा करने’’ के संकल्प के साथ मतदान करने की अपील की. क्षेत्र में रमजान की आरंभ 10 मार्च को हुई और यह नौ अप्रैल को खत्म होगा.

रूस और चीन ने निकाली प्रस्ताव की हवा 

रूस और चीन ने गाजा में तुरन्त युद्धविराम संबंधी अमेरिकी प्रस्ताव की हवा निकाल दी है. अमेरिका की ओर से गाजा में हो रहे नरसंहार को रोकने के लिए लाए गए प्रस्ताव के विरुद्ध चीन और रूस एकजुट हो गए. रूस और चीन ने अमेरिकी प्रस्ताव पर वीटो कर दिया, जिसके बाद ये खारिज हो गया. प्रस्ताव के अनुसार गाजा में नागरिकों की सुरक्षा और भुखमरी का सामना कर रहे 20 लाख से अधिक फलस्तीनी लोगों को मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए गाजा में इजराइल-हमास युद्ध को तुरन्त रोके जाने का आह्वान किया गया था.

रूस ने उठाए सवाल 

बता दें कि, पंद्रह सदस्यीय सुरक्षा परिषद में हुए मतदान के दौरान 11 सदस्यों ने इसके पक्ष में और तीन ने विरोध में वोट किया और एक सदस्य अनुपस्थित रहा. मतदान से पहले, रूस के संयुक्त देश के राजदूत वासिली नेबेंजिया ने बोला कि रूस तुरन्त संघर्ष विराम का समर्थन करता है, लेकिन उन्होंने प्रस्ताव की भाषा पर प्रश्न उठाया. उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड पर ‘‘राजनीतिक’’ कारणों से ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने’’ का इल्जाम लगाया.

इजराइल पर हुआ था आतंकवादी हमला 

रूस और चीन ने अक्टूबर के अंत में अमेरिका की ओर से प्रायोजित उस प्रस्ताव पर भी वीटो कर दिया था, जिसमें नागरिकों को सहायता पहुंचाने, उनकी सुरक्षा और हमास को हथियारों की आपूर्ति रोकने का आह्वान किया गया था.  उल्लेखनीय है कि, फलस्तीनी आतंकियों ने सात अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल में धावा कर दिया था जिसमें लगभग 1,200 लोगों की मृत्यु हो गई थी और 250 लोगों का किडनैपिंग कर लिया गया था. गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्षेत्र में मरने वालों की संख्या लगभग 32,000 बताई है. इस आतंकवादी हमले के बाद से इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है.

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