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पाक पर इतना क्यों भड़के बलूच, 1600 किलोमीटर का निकला मार्च…

पाक की राजधानी इस्लामाबाद में हजारों बलूचों ने प्रदर्शन किया तो उन्हें लाठीचार्ज झेलना पड़ गया यही नहीं इन लोगों पर पुलिस की बर्बरता यहां तक थी कि स्त्रियों और बच्चों को भी दौड़ाकर मारा गया सैकड़ों लोगों को हिरासत में ले लिया गया और न्यायालय के दखल के बाद रिहा किया गया पाक गवर्नमेंट का बोलना है कि गुरुवार देर रात तक हिरासत में ली गईं स्त्रियों और उनके बच्चों को छोड़ दिया गया है हालांकि अभी मुद्दा थमा नहीं है और बड़ी संख्या में बलोच ट्रक लेकर इस्लामाबाद की सड़कों पर ही जमे बैठे हैं

पाक पर इतना क्यों भड़के बलूच, 1600 किलोमीटर का निकला मार्च

बलूचिस्तान पर 1947 के दौर में कलात खान का शासन था, जो पाक में विलय नहीं चाहते थे मोहम्मद अली जिन्ना ने उस दौर में बलूचिस्तान की स्वायत्तता के वादे भी किए थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका अब बलूचिस्तान पाक का ही एक प्रांत है और इस सबसे बड़े क्षेत्रफल वाले राज्य के संसाधन अब वह चीन को बांट रहा है अपनी संस्कृति, भाषा और कौम पर हमले को लेकर सजग बलूच इसके विरुद्ध लगातार आंदोलन कर रहे हैं यही नहीं बीते कुछ वर्षों में बलूचों का उत्पीड़न भी बढ़ा है, जिसने गु्स्सा भड़का दिया है

कौन है मोला बख्श, जिसकी मर्डर से भड़क गए हैं लोग

हालिया मार्च तो 23 नवंबर को बलाच मोला बख्श नाम के पुरुष की मर्डर से भड़का है मोला बख्श लोक संगीत से जुड़े परिवार के सदस्य थे, जिनकी सुरक्षा बलों ने मर्डर कर दी थी इसे लेकर बलूच लोगों का गुस्सा भड़का हुआ है बीते कई वर्षों से बलूचों के गायब होने और उनकी हत्याओं के मुद्दे बढ़े हैं ऐसे में मोला बख्श की मर्डर ने उस गुस्से को और भड़का दिया इसके बाद 1600 किलोमीटर लंबा मार्च बलूचों ने पाक की राजधानी इस्लामाबाद तक निकाल दिया इस मार्च को कैसा जनसमर्थन था, इसे इससे भी समझा जा सकता है कि सड़कों पर इन आंदोलनकारियों के स्वागत में लोग खड़े थे और फूल बरसाते रहे

क्यों इतना भड़के हुए हैं लोग, बलूचों का पुराना है गुस्सा

मोला बख्श को बलूचिस्तान के काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट ने 20 नवंबर को अरेस्ट किया था वह पेशे से एक टेलर थे मोला बख्श पर इल्जाम था कि उसके पास विस्फोटक बरामद हुए हैं 21 नवंबर को ही मोला बख्श को न्यायालय में पेश किया गया था, लेकिन 23 तारीख को शूटआउट में उसका हत्या हो गया सुरक्षा बलों का बोलना था कि उग्रवादियों के साथ एनकाउंटर हुई थी इसी दौरान मोला बख्श मारा गया वहीं मोला बख्श के परिवार और बलूच संगठनों का बोलना है कि फेक मुठभेड़ में उसकी मर्डर कर दी गई थी

शव लेकर सर्दी में सड़कों पर बैठे रहे, फिर इस्लामाबाद कूच

इस हत्याकांड से गुस्साएं मोला बख्श के परिजनों ने उसके मृतशरीर के साथ आंदोलन किया था करीब एक हफ्ते तक भारी भीड़ मृतशरीर के साथ खुले आसमान के नीचे सड़कों पर बैठी रही अंत में 29 नवंबर को प्रशासन के दबाव में उसे दफनाया गया, लेकिन जब काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट के ऑफिसरों पर कोई ऐक्शन नहीं हुआ तो लोगों को गुस्सा भड़क गया पाक के मेनस्ट्रीम मीडिया में भले ही ये खबरें नहीं रहीं, लेकिन गुस्सा ऐसा भड़का कि बलूचों ने फिर 1600 किलोमीटर का मार्च निकालकर इस्लामाबाद के ही घेराव का निर्णय कर लिया सोशल मीडिया पर दिखता है कि इन बलूचों के स्वागत में जगह-जगह लोग जमा थे और उन पर फूल बरसाए गए बलूचों की मांग है कि काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट से हथियार छीन लिए जाएं और जो लोग गायब हैं, उन्हें छोड़ा जाए

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