झारखण्ड

डीवीसी चेयरमैन एस सुरेश कुमार पहुंचे बोकारो थर्मल नूरीनगर स्थित डीवीसी के ऐश पौंड

|बोकारो थर्मल डीवीसी चेयरमैन भाप्रसे अधिकारी एस सुरेश कुमार शनिवार को अपने दौरे के क्रम में बोकारो थर्मल नूरीनगर स्थित डीवीसी के ऐश पौंड पहुंचे. डीवीसी चेयरमैन के साथ मेंबर टेक्निकल एम रघुराम, मुख्य महाप्रबंधक सुभाष सिंह भी थे. ऐश पौंड पहुंचने पर बोकारो थर्मल के एचओपी आनंद मोहन प्रसाद, वरीय जीएम एफजीडी एसएन प्रसाद ने पौधा देकर चेयरमैन एवं मेंबर टेक्निकल का स्वागत किया.

बाद में चेयरमैन ऑफिसरों के साथ ऐश पौंड स्थित रिकवरी सिस्टम, सेटलिंग पौंड देखने पहुंचे. चेयरमैन एवं मेंबर टेक्निकल ने ऐश पौंड से व्यापक पैमाने पर उड़ रही छाई एवं पौंड में चारों ओर बिखरी छाई को देखकर नाराजगी जताते हुए सिविल के डीजीएम विश्वमोहन गोस्वामी सहित राहुल उरांव, पवन कुमार आदि को डांट पिलाई. चेयरमैन ने डीजीएम सिविल से पौंड की स्थिति को देखकर नाराजगी जताते हुए पूछा तो डीजीएम सिविल ने बोला कि पौंड की स्थिति बेहतर है. दुबारा पूछने पर भी जब डीजीएम सिविल ने अपनी बात दुहराया तो चेयरमैन ने उनकी बात को मोबाइल में रिकार्ड कर लिया. डीजीएम सिविल ने चेयरमैन से बोला कि पौंड रोजाना 25 एमएम बारिश की क्षमता को भी संभाल सकता है. मेंबर टेक्निकल ने क्षेत्रीय एचओपी से डीजीएम सिविल को लंबी छुट्टी पर भेजने की भी बात कही. पौंड से उड़ रहे व्यापक पैमाने के छाई को नियंत्रित करने के लिए चेयरमैन ने एचओपी को निर्देश दिया कि पौंड के रिकवरी पंप से गार्ड लैंडिंग पाइप लाइन के द्वारा उड़ने वाली छाई को नियंत्रित किया जा सकता है. डीजीएम सिविल द्वारा इस सिस्टम के भी सक्सेस नहीं होने की बात कहे जाने पर मेंबर टेक्निकल ने उन्हें एनटीपीसी के दूसरे प्रोजेक्टों में जाकर देखकर आने की बात कही. चेयरमैन ने क्षेत्रीय स्तर पर ट्रैक्टरों के द्वारा ऐश पौंड पर जल छिड़काव की भी बात कही. पौंड से उड़ने वाली छाई के कारण सभी को पौंड पर ही अपने नाक पर मास्क लगाना पड़ा. उन्होंने निर्देश दिया कि पांच माह के दौरान पौंड पूरी तरह से खाली होती रहनी चाहिए. बोला कि वर्तमान में पौंड की जो स्थिति है उससे लगता है कि पौंड दस दिनों में ही भर जाएगा. मेंबर टेक्निकल ने एचओपी एवं डीजीएम सिविल को निर्देश दिया कि हजारीबाग में बंद पड़े स्टोन क्वायरी में छाई फेंकने को लेकर हजारीबाग के डीएफओ, डीएमओ एवं डीसी से मिलकर पहल करें, ताकि उसमें छाई फेंका जा सके. उन्होंने पौंड से उड़ने वाली छाई पर रोक लगाने का भी निर्देश सिविल के इंजीनियरों को दिया.

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