मिर्गी मरीजों के लिए झारखंड में इस दिन निशुल्क शिविर का होगा आयोजन
गुमला जिले में मिर्गी के रोगियों के उपचार के लिए आनें वाले 20 और 21 मार्च को मुफ़्त शिविर का आयोजन होने जा रहा है। यह शिविर 20 मार्च को गुमला के डुमरी प्रखंड कार्यालय में और 21 मार्च को बसिया रेफरल हॉस्पिटल में होने वाला है। इस शिविर में रोगियों के उपचार के लिए चिकित्सक ममता भूषण सिंह डीएम न्यूरोलॉजी प्रोफेसर एम्स दिल्ली से आ रही हैं।
शिविर में सिर्फ़ मिर्गी के रोगियों का उपचार किया जाएगा। गौरतलब है कि 12 फरवरी को चिकित्सक ममता भूषण सिंह द्वारा जिला के चिकित्सकों, सीएचओ और सहिया को जिले के लोगों को मिर्गी बीमारी से बचाने के लिए वृहद प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।
मिर्गी की रोग एक ऐसी विकार है, जिसमें मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिकाओं की अवस्था बिगड़ जाती है, जिसके कारण दौरे पड़ते हैं। आदमी को दौरा पड़ने पर असामान्य व्यवहार, लक्षण, और उत्तेजना अनुभव करता है और चेतना भी खो जाता है। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिले में लगभग 14000 मिर्गी के रोगी हैं। मिर्गी (Epilepsy) रोगियों के लिए मुफ़्त चेकअप कैंप का आयोजन किया जा रहा है। जिला प्रशासन मिर्गी के रोगियों के पूरा उपचार और अंधविश्वास निवारण हेतु प्रोजेक्ट आशा फाइटिंग एपिलेप्सी एंड सुपरस्टिशन कार्यक्रम चला रही है।
सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
इस कार्यक्रम के अनुसार मिर्गी के रोगियों का मुफ़्त इलाज, दवा ,काउंसेलिंग, पुनर्वास इत्यादि सुविधा दी जाती है। साथ ही मिर्गी के रोगी को किसी तरह की स्वास्थ्य परेशानी या अचानक दौरा पड़ने पर तुरन्त सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर 6524296050 भी जारी किया गया है। इसमें जिले के कोई भी मिर्गी रोगी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने पर हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। जिसमें डॉक्टर द्वारा तुरन्त बचाव के उपाय,इलाज, दवा इत्यादि के बारे में कहा जाएगा।
सिविल सर्जन गुमला डॉ।राजू कच्छप ने कहा कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा मिर्गी (Epilepsy) के रोगियों की संख्या में कमी और उनके ससमय उपचार के लिए काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में 20 मार्च को डुमरी प्रखंड और 21 मार्च को बसिया प्रखंड में मिर्गी के रोगी के लिए मुफ़्त शिविर का आयोजन किया जा रहा है। डॉ ममता भूषण सिंह प्रोफेसर डिपार्टमेंट ऑफ़ न्यूरोलॉजी AIIMS दिल्ली से आ रही हैं।
लोगों में फैला है अंधविश्वास
लोगों में अंधविश्वास फैला है कि ये पूर्व जन्म का पाप है।अंधविश्वास के कारण लोग जूता चप्पल, गोबर सूंघाते हैं। अंधविश्वास से बचें और उपचार कराने के लिए चिकित्सक के पास लेकर आएं। किसी ओझा गुणी के चक्कर में न पड़ें। इसके लिए रोगी को नियमित इलाज, वैक्सीन, दवा की आवश्यकता पड़ती है। इसके उपचार में कम से कम 6 साल या किसी रोगी को लाइफटाइम समय लगता है। इसके लिए नियमित उपचार चाहिए।