झारखण्ड

हेमंत सोरेन और अन्य से जुड़े कथित अवैध भूमि हड़पने से जुड़े धनशोधन मामले में हुई चार नई गिरफ्तारियां

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन और अन्य से जुड़े कथित गैरकानूनी भूमि हड़पने से जुड़े धनशोधन मुद्दे में चार नयी गिरफ्तारियां की हैं. ऑफिसरों ने कहा कि जिन लोगों को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के अनुसार हिरासत में लिया गया है उनकी पहचान अंतू तिर्की, प्रिय रंजन सहाय, बिपिन सिंह और इरशाद के रूप में की गई है. प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को तिर्की और कुछ अन्य के परिसरों की तलाशी ली थी. इन गिरफ्तारियों के साथ, इस मुद्दे में हिरासत में लिए गए लोगों की कुल संख्या बढ़कर आठ हो गई है.

पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (48) को जनवरी में प्रवर्तन निदेशालय ने सीएम पद से त्याग-पत्र देने के तुरंत बाद अरैस्ट किया था. वह अभी न्यायिक हिरासत में होटवार की बिरसा मुंडा कारावास में हैं. मुख्य आरोपी और राजस्व विभाग के पूर्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, मोहम्मद सद्दाम हुसैन और अफशर अली को भी अरैस्ट किया गया है.

सोरेन के विरुद्ध जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी है. प्रवर्तन निदेशालय का इल्जाम है कि इसे गैरकानूनी रूप से कब्जे में लिया गया था. एजेंसी ने सोरेन, प्रसाद और सोरेन के कथित ‘फ्रंटमैन’ राज कुमार पाहन और हिलारियास कच्छप तथा पूर्व सीएम के कथित सहयोगी बिनोद सिंह के विरुद्ध 30 मार्च को यहां विशेष पीएमएलए न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया था.

ईडी ने रांची में स्थित जमीन भी कुर्क की है और न्यायालय से भूखंड बरामद करने का निवेदन किया है. मनी लॉन्ड्रिंग की जांच झारखंड पुलिस की ओर से राज्य गवर्नमेंट के ऑफिसरों सहित कई लोगों के विरुद्ध भूमि “घोटाले” के मामलों में दर्ज कई एफआईआर से संबंधित है. मुद्दे में मुख्य आरोपी प्रसाद है, जो सरकारी रिकॉर्ड का संरक्षक था.

 

ईडी ने एक बयान में बोला था कि उन पर इल्जाम है कि उन्होंने सोरेन समेत कई लोगों को भू-संपत्तियों के रूप में गैरकानूनी कब्जे, अधिग्रहण और क्राइम से प्राप्त धन रखने से जुड़ी गतिविधियों में सहायता करके अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया. प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया था कि झारखंड में भू-माफिया का एक गिरोह एक्टिव है जो रांची में जमीन के रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा करता है.

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