झारखण्ड

झारखंड हाईकोर्ट से रांची के ईडी अफसरों को मिली राहत

रांची: झारखंड उच्च न्यायालय से रांची के ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) अफसरों को राहत मिली है उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय के ऑफिसरों को रांची पुलिस द्वारा नोटिस जारी करने पर रोक लगा दी है झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (प्रवर्तन निदेशालय) अफसरों के विरुद्ध पुलिस स्टेशन में एससी/एसटी का मुकदमा दर्ज कराया गया था इसी के आलोक में प्रवर्तन निदेशालय के ऑफिसरों को रांची पुलिस ने नोटिस भेजा था अब इस मुद्दे में उच्च न्यायालय ने नोटिस जारी करने पर रोक लगा दी है

रांची के एससी/एसटी पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय के अपर निदेशक सहित अन्य अफसरों के विरुद्ध रांची के एससी/एसटी पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज करायी है जिन ऑफिसरों के विरुद्ध मुद्दे दर्ज किए गए हैं, उनमें अपर निदेशक कपिल राज, सहायक निदेशक देवव्रत झा, अनुपम कुमार और अमन पटेल समेत अन्य को आरोपी बनाया गया है

रांची पुलिस द्वारा प्रवर्तन निदेशालय अफसरों को नोटिस जारी करने पर उच्च न्यायालय की रोक
रांची के एससी/एसटी पुलिस स्टेशन में प्रवर्तन निदेशालय ऑफिसरों के विरुद्ध दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के बाद एसआई दीपक कुमार राय को इस मुद्दे की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गयी इसके विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय अफसरों ने झारखंड उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने रांची पुलिस द्वारा प्रवर्तन निदेशालय अफसरों को नोटिस जारी करने पर रोक लगा दी है

दर्ज प्राथमिकी में हेमंत सोरेन ने क्या बोला है
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दर्ज करायी गयी प्राथमिकी (एससी/एसटी केस) में बोला है कि 30 जनवरी 2024 की मीडिया रिपोर्ट से उन्हें जानकारी मिली कि दिल्ली के शांति निकेतन स्थित उनके आवास से नीले रंग की बीएमडब्ल्यू कार और रुपए बरामद किए गए हैं इसे उनका कहा जा रहा है, जबकि बरामद कार और रुपए उनके नहीं हैं उन्हें और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के ऑफिसरों (ये जनजातीय समुदाय से नहीं हैं) द्वारा ऐसा किया गया है, ताकि उन्हें सात वर्ष या उससे अधिक की सजा दिला सकें प्रवर्तन निदेशालय के ऑफिसरों की इस कार्रवाई से वे और उनका परिवार मानसिक रूप से प्रताड़ित हुआ है

 

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