दिल्ली हाई कोर्ट से शिबू सोरेन को लगा बड़ा झटका
रांची। आय से अधिक संपत्ति मुद्दे में शिबू सोरेन की अपील पर आज दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। दिल्ली उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने झारखंड के पूर्व सीएम और झामुमो के संरक्षक शिबू सोरेन की याचिका खारिज कर दी है। दिल्ली उच्च न्यायालय से झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन को बड़ा झटका लगा है। दरअसल शिबू सोरेन ने उनके विरुद्ध प्रारम्भ की गई लोकपाल कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी
लोकपाल बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की उस कम्पलेन पर सुनवाई कर रहा है जिसमें सोरेन पर आय से अधिक संपत्ति जमा करने का इल्जाम लगाया गया है। अब ऐसे में झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरने के परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। जमीन घोटाले में मुख्यमंत्री का पद गंवाने और कारावास जाने के बाद अब हेमंत सोरेन के पिता और राज्य के पूर्व सीएम शिबू सोरन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
दरअसल, आय से अधिक संपत्ति मुद्दे में झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन की अपील पर दिल्ली उच्च न्यायालय में 20 फरवरी को सुनवाई हुई। जस्टिस रेखा पल्ली और जस्टिस सुधीर कुमार जैन की न्यायालय में सुनवाई के दौरान न्यायालय को कहा गया कि इस मुद्दे में वरीय अधिवक्ता पक्ष रखेंगे। शिबू सोरेन ने आय से अधिक संपत्ति को लेकर उन पर लगाए गए आरोपों को दुर्भावनापूर्ण कहा था, लेकिन एकल पीठ ने उनकी दलीलों को खारिज कर दिया था। इसके विरुद्ध उनकी ओर से खंडपीठ में अपील दाखिल की गई है।
क्या है पूरा मामला
बता दें, 5 अगस्त, 2020 को कम्पलेन दर्ज की गई थी कि शिबू सोरेन और उनके परिवार के सदस्यों ने गैरकानूनी साधनों के माध्यम से अपनी आय के ज्ञात और घोषित स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की है, जिसके बाद लोकपाल की तरफ से कार्रवाई की गई थी। दिल्ली उच्च न्यायालय इस मुकदमा में 13 सितंबर को अगली सुनवाई करेगा। जानकारी के मुताबिक झामुमो सुप्रीमो के विरुद्ध करीब दो वर्ष पहले यानी 5 अगस्त, 2020 को कम्पलेन दर्ज की गई थी कि उन्होंने और उनके परिवार के सदस्यों ने बड़े पैमाने पर करप्शन किया है। साथ ही साथ झारखंड राज्य में सरकारी खजाने का दुरुपयोग करके, आय के ज्ञात और घोषित स्रोतों और उनके नाम पर कई वाणिज्यिक और आवासीय संपत्तियां के अनुपात में बड़ी संपत्ति अर्जित की है। लोकपाल की पूर्ण पीठ ने 15 सितंबर, 2020 को मुद्दे की प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया था। लोकपाल ने CBI को उत्तर की जांच करने और जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था।