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ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफार्म बनाकर ट्रेडिंग के नाम पर ठगी,गिरोह का हुआ पर्दाफाश

 साइबर थाना पुलिस और जिला साइबर सेल ने बड़ी कार्रवाई करते हुए औनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफार्म बनाकर ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है पुलिस ने करीब 27 लाख रुपए की ऑनलाईन साइबर ठगी के 6 आरोपियों को गिरफतार किया है लुटेरों ने लोगों को टेलीग्राम ग्रुप में जोडकर ठगी की थी

एसपी वंदिता राणा ने कहा कि नरेश मीणा पुत्र रामसागर निवासी बाजोली (टोंक), महेंद्र जोशी पुत्र गणपतलाल निवासी झालरा बेरा जोधपुर, तुषार पुत्र चंपालाल वैष्णव हाउसिंग बोर्ड जोधपुर, संजय पुत्र जुगल किशोर वर्मा चौड़ा रास्ता जयपुर, दीपक वर्मा पुत्र नवल किशोर चौड़ा रास्ता जयपुर एवं मुकेश पटेल उर्फ शंकर पुत्र रघुनंदन निवासी चौड़ा रास्ता जयपुर को अरैस्ट किया है उन्होंने कहा कि ये ठग पीडित को विश्वास में रखने के लिए फर्जी ट्रेडिंग वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराते हैं पैसा डबल करने का झांसा देकर साइबर ठगी को अंजाम देते हैं ठगी के इस प्रकरण में परिवादी से करीब 19 फर्जी कंपनियों में रुपए इनवेस्ट कराए थे साइबर ठग प्रोपराइटर फर्म आदि बनाकर उनके नाम से फर्जी चालू खाते खुलवाते हैं
आरोपी अब तक सैकड़ों खाते खुलवा चुके हैं प्रत्येक बैंक खातों का करोड़ों का लेन-देन है आरोपी करीब 2-3 सालों से साइबर ठगी कर रहे हैं अब तक करीब 100 बैंक खाते फ्रीज करवाकर लगभग 2 करोड़ रुपए ब्लॉक कराए जा चुके हैं
पीड़ित की रिपोर्ट पर पकड़ में आया गिरोह:
पीड़ित संजय पीलवाल पुत्र बाबूलाल पीलवाल निवासी दुब्बी थाना बैजूपाड़ा ने रिपोर्ट दी कि उसे एक टेलीग्राम ग्रुप पर जोड़कर रुपए दोगुना करने का झांसा देकर 26 लाख 60 हजार 338 रुपए की ठगी कर ली मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए विशेष टीम का गठन किया गया टीम द्वारा पीड़ित के बैंक खाते से जिन खातों में राशि ट्रांसफर हुई, उन खातों का पता लगाकर तकनीकी और वैज्ञानिक उपायों से विश्लेषण कर कड़ी से कड़ी जोडते हुए अपराधियों का राजस्थान, गुजरात, मुंबई, महाराष्ट्र, यूपी, मध्यप्रदेश, बिहार, दिल्ली सहित दुबई, कंबोडिया, वियतनाम और थाइलैंड में होना ज्ञात हुआ
फर्जी कंपनियां और प्रॉपराइटर फर्म बनाकर करते थे ठगीः
अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए मुम्बई महाराष्ट्र टीम रवाना कर साइबर ठगी में खाता यूजर और उसके सहयोगियों को दस्तयाब किया गया जो मुंबई में मुख्य अभियुक्त के साथ रहकर फर्जी कंपनियां और प्रोपराइटर फर्म बनाकर इनके नाम से फर्जी बैंक खाते खुलवा कर साइबर ठगी करते हैं इसके बाद उक्त बैंक खाते के धारक और फर्जी कंपनिया और प्रोपराइटर फर्म के मालिक और मुख्य अभियुक्त का सहयोगी जो जयपुर में रहकर लोगो को प्रलोभन देकर उनके नाम से फर्जी कंपनियां और प्रोपराइटर फर्म बनाकर इनके नाम से फर्जी बैंक खाते खुलवाने वाले को जयपुर से दस्तयाब किया गया इस प्रकरण में अन्य मुल्जिमों की तलाश जारी है
इस तरह करते हैं साइबर ठगीः
लोगों को पैसों का लालच देकर उनके नाम से फर्जी कंपनियां और प्रोपराइटर फर्म बनाकर इनके नाम से चालू फर्जी बैंक खाते खुलवाते हैं इन बैंक खातों में रोजाना साइबर ठगी कर करीब 2-3 करोड़ रुपए का लेन देन करते हैं मुंबई, गुडगांव जैसे महानगरों में किराए पर ऑफिस लेकर फर्जी फर्म/प्रॉपराईटर का रजिस्ट्रेशन कराकर चालू बैंक खाते खुलवाते हैं ताकि लेनदेन अधिक किया जा सके फर्जी प्रोपराईटर और फर्म के नाम से खुलवाए गए बैंक खाते में पीडित से रुपए पाप्त करते हैं जिससे पीडित को लगे की वह किसी आदमी के बैंक खाते में रुपए नहीं डालकर फर्म के खाते में डाल रहा है
विदेश में रहता है मास्टरमाइंडः
साइबर ठगी का मास्टर माइंड पुलिस से बचने के लिए राष्ट्र से बाहर दुबई, कंबोडिया, वियतनाम, थाइलैंड आदि राष्ट्रों में रहकर हिंदुस्तान में स्थित अपने साथियों की सहायता से साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देते हैं साइबर ठगी के मुख्य अभियुक्त अपने साथियों से विभिन्न कम्पनियों के भारतीय मोबाइल सिम कार्ड सक्रिय करवाकर विदेश में मंगवाकर साइबर ठगी को अंजाम देते है साइबर ठगी की राशि का क्रिप्टोकरेंसी, यूएसडीटी हवाला के माध्यम से ही लेन देन करते हैं
चेक बुक एटीएम कार्ड और मोबाइल बरामदः
ठगों से विभिन्न बैंको की 32 चेक बुक, 32 खाली चैक, 35 एटीएम कार्ड, विभिन्न कम्पनियों के 17 सिम कार्ड, कई कंपनियों और प्रोपराइटर फर्म की 29 स्टाम्प/सील, 4 लैपटाप मय चार्जर, 3 की पेड मोबाइल फोन, 7 एंड्रोइड/आईफोन, एक पीओएस मशीन, 17 पेन कार्ड, 2 हार्ड डिस्क, क्यूआर कोड स्केनर, आधार कार्ड, सीसीटीवी कैमरा, आईडी कार्ड, हिसाब की डायरियां, विभिन्न बैंकों में खाता खुलवाने के फॉर्म, विभिन्न कम्पनियों और फर्म की फाइल, जो साइबर ठगी के लिए बनवाई हैं ठगों ने पीडित से 19 फर्म/प्रोपराईटर के बैंक खातों में करीब 26 लाख 60 हजार 338 रुपए प्राप्त किए थे उक्त बैंक खातों में करीब 58 करोड़ ठगी की राशि का लेनदेन करना पाया गया

 

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