कोरोना के बाद वैज्ञानिकों ने इस नए वायरस को लेकर दी चेतावनी
Disease X Pandemic: भारत समेत पूरे विश्व से अभी कोविड-19 का संकट पूरी तरह समाप्त भी नहीं हुआ है। इस बीच वैज्ञानिकों ने अब एक नए वायरस को लेकर चेतावनी दी है, जिसके लक्षण पूरी तरह Covid-19 से मिलते जुलते हैं। वैज्ञानिकों ने भविष्य के संकट को लेकर चेतावनी देते हुए बोला है कि अगली महामारी डिजीज एक्स (Disease X) की वजह से हो सकती है। इन्फ्लूएंजा और मौसमी रोग से जुड़ा एक परिचित शत्रु इस अप्रत्याशित और संभावित विध्वंसक किरदार के लिए एक संभावित खतरे के रूप में उभरा है। अगले हफ्ते के अंत में प्रकाशित होने वाले एक अंतर्राष्ट्रीय सर्वेक्षण से पता चलेगा कि 57% वरिष्ठ बीमारी जानकार अब मानते हैं कि इन्फ्लूएंजा वायरस का एक प्रकार ‘घातक संक्रामक बीमारी’ के अगले अंतरराष्ट्रीय प्रकोप का सबसे संभावित कारण है।
सर्दी-जुकाम नहीं है केवल आम परेशानी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि मौसमी फ्लू केवल सर्दियों में होने वाली कठिनाई नहीं है। हर वर्ष फ्लू पूरे विश्व में अनुमानित 1 अरब लोगों को प्रभावित करता है, जिनमें से लाखों लोग गंभीर जटिलताओं से पीड़ित होते हैं। इससे भी बुरी बात यह है कि यह हर वर्ष सैकड़ों-हजारों लोगों की जान ले लेता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन नए फ्लू स्ट्रेन के खतरों पर बल देता है, जिसके लिए लोगों में कोई प्रतिरक्षा नहीं है और हमसे इन्फ्लूएंजा को गंभीरता से लेने का आग्रह करता है।
फ्लू के कारण हो सकती है अगली महामारी
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगली महामारी फैलने की वजह फ्लू वायरस हो सकती है। फ्लू वायरस का कोई एक प्रकार खतरनाक संक्रामक रोग के अंतरराष्ट्रीय प्रकोप का कारण होगा। जर्मनी के कोलोन यूनिवर्सिटी में किए गए एक शोध में इसको लेकर दावा किया गया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन्फ्लुएंजा अभी भी अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है। डब्ल्यूएचओ (WHO) ने भी एवियन स्ट्रेन जैसे इन्फ्लुएंजा के फैलने की संभावना जताई है।
वैज्ञानिकों ने Disease X को लेकर दी चेतावनी
अगले हफ्ते बार्सिलोना में यूरोपियन सोसाइटी ऑफ क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज (ESCMID) कांग्रेस पार्टी में इस शोध को प्रस्तुत किया जाएगा। एक्सपर्ट्स के अनुसार, अज्ञात ‘डिसीज एक्स (Disease X)’ वायरस को इन्फ्लूएंजा के बाद अगले सबसे संभावित महामारी पैदा करने वाले वायरस के रूप में देखा जा रहा है। जानकारों का मानना है कि इस वायरस का एक नया स्ट्रेन Covid-19 की तरह ‘अचानक’ सामने आ सकता है, जिसने पूरे विश्व में लाखों लोगों की जान ले ली और अभी भी खतरा बना हुआ है। ये चेतावनी विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अमेरिका के कुछ हिस्सों में तेजी से फैल रहे इन्फ्लूएंजा के H5N1 प्रकार के घातक प्रसार के बारे में चिंता जताने के बाद आए हैं। संगठन ने मामलों की संख्या में वृद्धि की चेतावनी दी है।
कोरोना से 100 गुना अधिक हो सकता है खतरनाक?
फार्मास्युटिकल कंपनी के सलाहकार जॉन फुल्टन ने पहले एक बयान में बोला था, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि यह कोविड से 100 गुना अधिक खराब है। या यह तब अधिक घातक हो सकता है, जब म्यूटेट हो और उच्च मौत रेट बनाए रखे। हम इसकी आशा कर सकते हैं कि यह जब एक बार मनुष्यों को संक्रमित करने के लिए म्यूटेट हो जाता है तो मौत रेट कम हो जाए।
WHO के रिकॉर्ड के अनुसार, डेटा इस बात पर प्रकाश डालता है कि 2003 के बाद से H5N1 वायरस से संक्रमित प्रत्येक 100 मरीजों में से 52 की मौत हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप मौत रेट 50 फीसदी से अधिक हो गई है। यह रेट वर्तमान Covid-19 मौत रेट से तुलनात्मक रूप से बहुत अधिक है। Covid-19 से होने वाली मृत्यु का आंकड़ा 0.1 फीसदी है।