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बॉर्नविटा के खिलाफ सरकार का ये एक्शन

Bournvita Removal From Health Drink Category: आज के टाइम में बच्चों के खाना खाते समय काफी नखरे होते हैं. उन्हें पौष्टिक खाने की स्थान बाहर का जंक फूड अधिक अधिक पसंद आता है. बच्चे दूध पीने में सबसे अधिक नखरे दिखाते हैं, जिस वजह से पेरेंट्स दूध में फ्लेवर लाने के लिए बॉर्नविटा, कॉम्प्लैन या हॉरलिक्स का इस्तेमाल करते हैं. यदि आप भी अपने बच्चे को बॉर्नविटा वाला दूध देते हैं तो यह समाचार जरूर जान लें.

मंत्रालय ने हेल्थ ड्रिंक्स की कैटेगरी से हटाने का दिया आदेश

बॉर्नविटा और दूसरे ड्रिंक या बेवरेज को ‘हेल्थ ड्रिंक’ न मानते हुए कॉमर्स और इंडस्ट्री मंत्रालय ने इ-कॉमर्स कंपनियों को आदेश दिया कि इन सबको हेल्थ ड्रिंक्स की कैटेगरी से हटा दिया जाए. मंत्रालय द्वारा एक नोटिफिकेशन में बोला गया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग यानी NCPCR ने सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 14 के भीतर अपनी जांच के बाद निष्कर्ष निकाला कि एफएसएस अधिनियम (FSS Act 2006) में हेल्थ ड्रिंक जैसा कुछ नहीं है.

कई भारतीय अपने बच्चों को बॉर्नविटा यह सोचकर देते हैं कि यह उनकी हेल्थ के लिए लाभ वाला है. केंद्र गवर्नमेंट द्वारा इसे साफ कर दिया गया है कि बॉर्नविटा हेल्थ ड्रिंक नहीं है.

पहले FSSAI ने भी उठा चुका आवाज

मंत्रालय द्वारा बोला गया कि हेल्थ ड्रिंक्स की कोई परिभाषा नहीं है इसलिए बच्चों को दिए जाने वाले इन मॉल्ट्स (Malts) को ऐसी किसी कैटेगरी में नहीं रखना चाहिए. केंद्र गवर्नमेंट से पहले फूड सेफ्टी एंड स्टैंडडर्स ऑथोरिटी ऑफ इण्डिया यानी FSSAI भी दो अप्रैल को सभी ई-कॉमर्स कंपनियों से यह कह चुका है कि खाने के सामान को ठीक कैटेगरी में रखा जाए. FSSAI का रिएक्शन तब आया जब उसने देखा कि कई बेवरेज को ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर हेल्थ ड्रिंक या एनर्जी ड्रिंक कहकर बेचा जा रहा है.

पहले भी खूब चर्चा में रहा बॉर्नविटा

NCPCR पहले भी मोंडेलेज इण्डिया को बॉर्नविटा से जुड़े ‘भ्रामक विज्ञापन’ हटाने के लिए कह चुका है. बॉर्नविटा काफी लंबे समय से स्वयं को हेल्थ ड्रिंक कहता आ रहा है लेकिन पिछले वर्ष फूडफार्मर (Foodpharmer) नाम के एक यूट्यूबर ने कहा था कि इसमें काफी अधिक चीनी होती है.

हालांकि, बॉर्नविटा की तरफ से लीगल नोटिस मिलने के बाद यूट्यूबर ने अपने चैनल से यह वीडियो हटा दिया था. यह मुद्दा एनसीपीसीआर की नजर में आने के बाद बॉर्नविटा को अपने विज्ञापन हटाने पड़े थे. आपको बता दें कि पिछले वर्ष दिसंबर में कैडबरी ने बॉर्नविटा में चीनी 15 फीसदी तक कम कर दी थी. हालांकि, इसे अभी भी हेल्थ ड्रिंक की कैटेगरी में नहीं रखा जा सकता.

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