लोकसभा चुनाव : हरियाणा में 10 में से बीसी-ए को कोई टिकट नहीं…
पिछडा़ वर्ग समाज ने हरियाणा में लोकसभा टिकट वितरण में भाजपा द्वारा 32 प्रतिशत जनसंख्या वाले बीसी ए की अनदेखी करने का इल्जाम लगाया है. अपने को पिछडा़ वर्ग की हितैषी बताने वाली भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए हरियाणा में 10 में से बीसी-ए को कोई टिकट नहीं दी. गवर्नमेंट में शामिल इस वर्ग के नेता भी खामोशी साधे बैठे हैं.
विधायिका एवं न्यायपालिका में अधिकारों को लेकर पिछडा़ वर्ग समाज करनाल के प्रबुद्ध नागरिकों की अहम बैठक समाजसेवी रानी कम्बोज के निवास स्थल माडल टाऊन में सम्पन्न हुई.
बैठक की अध्यक्षता पिछडा़ वर्ग करनाल के सर्वमान्य जीतराम कश्यप ने की.
इस बैठक में लोक सम्पर्क विभाग हरियाणा के सेवानिवृत्त डीआईपीआरओ सुरेन्द्र कुमार वर्मा कोथ, डा सुनील पंवार, करताराम कश्यप, डा नवजोत कश्यप, एड सुनील कुमार जोगी, अमरजीत धीमान, सामाजिक स्त्री कार्यकर्ता समताराय, बलवानसिंह, शीशपाल कश्यप, रामसिंह नम्बरदार सिकरी, जयभगवान कश्यप, सत्यवान सिंह, डा उमाशंकर पाण्डेय ने विशेष तौर से भाग लिया.
इस बैठक में पिछडे़ वर्गों के हितों, सियासी हिस्सेदारी, क्रीमीलेयर, आरक्षण एवं अधिकारों बारे विशेष रूप से चर्चा की गई और कांग्रेस पार्टी और अन्य सियासी दलों एवं गवर्नमेंट से मांग की गई कि बीसी ए को जनसंख्या के हिसाब से हरियाणा में लोकसभा चुनाव में सियासी भागीदारी सुनिश्चित करें.
मीडिया से वार्ता करते हुए पिछडा़ वर्ग की स्त्री नेत्री रानी कम्बोज, एडवोकेट दिनेश सैन एवं सुरेन्द्र वर्मा ने बोला कि हरियाणा में करनाल, हिसार, सोनीपत या कुरूक्षेत्र नामक तीन लोकसभा सीटें एवं कम से कम 25 विधानसभा सीटें अति पिछडे़ वर्गों के लोगों को विभिन्न सियासी दलों को देनी चाहिए जो जनसंख्या के अनुपात में बीसी ए कैटेगरी का अधिकार बनता है.
उन्होंनें बोला कि पिछडे़ वर्ग के लोग अब सतर्क हो चुके हैं, वे भाजपा और अन्य सियासी दलों की चाल को भी समझ चुके हैं और वे इस बार चुनाव में अपने वोट का प्रयोग ठीक ढंग से करेंगें.
उन्होंनें बोला कि समाज अब ये भी अच्छी तरह से जान चुका है कि भाजपा सिर्फ़ वोट के लिए बीसी को इस्तेमाल करती है इसलिए इस समाज को लगभग 32 प्रतिशत जनसंख्या होने के वाबजूद बीसी ए को भाजपा ने लोकसभा चुनाव में एक भी टिकट नहीं दी.
उन्होंनें बोला कि यदि कांग्रेस पार्टी पार्टी बीसी ए को टिकटें देती है तो हरियाणा के समीकरण अलग ही होगें.
उन्होंनें बोला कि गत दो बार साल 2014 और 2019 के चुनाव में लगातार बीसी के वोट भाजपा की तरफ कन्वर्ट हुए थे और भाजपा सतासीन हुई लेकिन अब कांग्रेस पार्टी के पास सुनहरी मौका है कि बीसी ए वर्ग के लोगों को अपनी तरफ वापिस जोड़े. उन्होंनें कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं एवं सीईसी से मांग की कि जनसंख्या के हिसाब से एससी एसटी पैटर्न पर बीसी ए को हरियाणा में लोकसभा चुनाव में टिकटें दी जाएं और जातिगत जनगणना भी करवाई जाएं ताकि हर समाज को समान अधिकार मिलें.
इस बैठक में यह साफ किया गया कि यदि भाजपा की तरह कांग्रेस पार्टी या अन्य सियासी पार्टियां भी बीसी ए को टिकट नहीं देती तो बीसी ए की उपेक्षा करने वाली सम्बन्धित सियासी पार्टी को वोट की चोट के माध्यम से इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. रानी कम्बोज एवं एड दिनेश सैन ने गवर्नमेंट पर हरियाणा में पिछडा़ वर्ग के लोगों को केन्द्र एवं प्रदेश की कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रखने का भी इल्जाम लगाया है.
उन्होंने गवर्नमेंट से पिछडा़ वर्ग के सभी लोगों को बराबर का दर्जा देकर ओबीसी वर्ग में रखकर उनकी वार्षिक आय सीमा को 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रूपये करने की भी मांग की है ताकि प्रदेश में बीसी के बच्चों को नौकरियों एवं दाखिलों में आरक्षण और अन्य फायदा मिल सकें. बैठक में आए सभी पिछडा़ वर्ग के बुद्धिजीवी लोगों ने अपने- अपने विचार एवं सुझाव रखें और सियासी हिस्सेदारी समेत बीसी ए के हर क्षेत्र में अधिकार, पूर्ण आरक्षण सुनिश्चित करने की सियासी दलों एवं गवर्नमेंट से मांग की.
रानी कम्बोज ने बीसी ए संगठन को मजबूत बनाने की जरूरत पर विशेष बल दिया गया. उन्होंनें बोला कि महिलाएं एक तरह से परिवार और समाज का ही हिस्सा है. इसलिए सबसे पहले बीसी समाज की एकजुटता महत्वपूर्ण है. स्त्री सम्मान एवं सुरक्षा, नारी सशक्तिकरण और समानता के लिए स्त्रियों को मर्दों के साथ मिलकर एकजुटता से संघर्ष करना होगा.