हवा में बन रहा सरसैया घाट पुल,लखनऊ जाने के लिए वीआईपी रोड से बड़ा विकल्प
हकीकत यह है कि ट्रांसगंगा हाईटेक सिटी के आवंटियों को साल 2016 में ही सरसैया घाट पर पुल बनाए जाने के सपने दिखाए गए थे। बोला गया था कि इसकी कानपुर के वीआईपी रोड से कनेक्टिविटी होगी तो सरसैया घाट से दो किलोमीटर से भी कम दूरी इस परियोजना की रह जाएगी। हालांकि अभी तक यह नहीं हो सका। पुल बन गया तो हाईटेक सिटी में भूखंड लेने वालों की संख्या बढ़ जाएगी। औद्योगिक और कॉमर्शियल भूखंड भी तेजी से बिकेंगे।
यह बात यूपीसीडा के अधिकारी भी भली–भाँति समझते हैं। लखनऊ जाने के लिए वीआईपी रोड से बड़ा विकल्प मिल सकता था।
यूपीसीडा भूल चुका विज्ञापन और ब्रोसर को
यूपीसीडा अपने ही उस विज्ञापन को भूल चुका है, जिसका शीर्षक था-स्मार्ट सिटी, स्मार्ट उत्तर प्रदेश। करोड़ो खर्च कर लोगों को गंगा बैराज के पास उन्नाव की सीमा में स्थित ट्रांसगंगा सिटी के खास आकर्षण बताए गए थे। इसके लिए कश्मीर से कन्याकुमारी तक कैनोपी भी लगी थी। मुंबई, हैदराबाद, लखनऊ, दिल्ली, गाजियाबाद, बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, कोलकाता, भोपाल, रायपुर, जयपुर और इंदौर जैसे शहरों तक इसका प्रचार किया गया था। ब्रोसर में लिखा था कि पुल बनेगा। आवंटन के बाद भी आवंटियों के सामने दावे किए गए थे कि कानपुर में वीआईपी रोड पर सरसैया घाट से ट्रांसगंगा सिटी तक गंगा पर पुल बनेगा। यूपीसीडा में ट्रांसगंगा हाईटेक सिटी के परियोजना अधिकारी अजयदीप का बोलना है कि इसकी कोई जानकारी मेरे पास नहीं है। फाइल देखकर बता सकते हैं।