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दुबई से ज्यादा गर्म उदयपुर: झीलों में प्रदूषण और हरियाली खत्म होने से बढ़ता जा रहा तापमान

आपको विश्वास नहीं होता किन्तु यह सत्य है कि उदयपुर इन दिनों दुबई से अधिक गर्म है. गुरुवार को उदयपुर में दोपहर पौने एक बजे उदयपुर का तापमान 36 डिग्री सेल्सियस मापा गया, वहीं उसी समय दुबई का तापमान महज 26 डिग्री सेल्सियस था. उदयपुर के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता जीपी सोनी इन दिनों दुबई की यात्रा पर हैं. उन्होंने कहा कि इसी तरह के हालात रहे तो उदयपुर की पहचान समाप्त हो जाएगी. एक ओर दुबई में हरियाली बढ़ाने पर बल हैं, वहीं उदयपुर में पहाड़ियों को काटकर हरियाली समाप्त की जा रही है. इसी के चलते उदयपुर के तापमान में साल-दर-साल बढ़ोतरी हो रही है.

गौरतलब है कि रेगिस्तान तथा कभी बहुत गर्मी वाले राष्ट्रों में शुमार दुबई का नाम प्रमुखता से लिया जाता था. किन्तु वहां बनाई गई कृत्रिम झीलों तथा हरियाली की वजह से तापमान में लगातार गिरावट होता जा रहा है. सोनी कहते हैं कि उन्हें उदयपुर की गर्मी की बजाय दुबई की गर्मी शाँति वाली लगने लगी है. दुबई में नीम और पीपल पेड़ों को लगाने का प्रचलन अधिक है, इसके उल्टा उदयपुर में कई सालों से इन पेड़ों को लगाने का अभियान समाप्त सा कर दिया गया. इसकी स्थान ऐसे पेड़ों को लगाया जा रहा है, जो ना सिर्फ़ भूमि के जलस्तर को कम करते हैं, वहीं उनका इस्तेमाल पशुओं के चारे के रूप में भी नहीं लिया जा सकता. सोनी बताते हैं कि दुबई में कृत्रिम कम गहराई वाली झीलें कॉलोनी के बीच बनाई गई हैं और उनके चारों ओर हरितिमा के चलते वहां के तापमान में दस डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट देखी जा रही है.

आने वाले समय में उदयपुर का तापमान बढ़ने की आशंका

पर्यावरणविदों की मानें तो आने वाले समय में उदयपुर के तापमान में बढ़ोतरी की पूरी संभावना है. शहर के नजदीकी ही नहीं, बल्कि दूरस्थ की उन पहाड़ियों को समाप्त किया जा रहा है, जो कभी हरी-भरी रहती थी. कॉलोनी बनाने के लिए कम होती पहाड़ियों और पेड़ों की लगातार कटाई के चलते पिछले कुछ वर्षों से उदयपुर के तापमान में बढोतरी दर्ज की गई. होटल, रिसोर्ट ही नहीं, बल्कि आवासीय कॉलोनियों के लिए पहाड़ियों को छेड़ा जा रहा है. इसी तरह के हालात उदयपुर की झीलों के हैं. स्वरूप सागर झील पूरी तरह प्रदूषित है, वहीं पिछोला झील में प्रदूषण के मुद्दे में शहर की दूसरी झील है. इस झील के किनारे पिछले कुछ वर्षों में सैकड़ों होटल निर्माण निषेध के बावजूद बन गई और झील का प्रदूषण स्तर भी बढ़ता गया. फतहसागर झील इकलौती झील है जो अभी प्रदूषण से थोड़ा-बहुत मुक्त कही जा सकती है लेकिन उसके प्रति अनदेखी इसे भी प्रदूषित कर सकती है.

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