अगर आप Mutual Funds में करते हैं निवेश, तो हो जाएं सावधान, वरना…
उद्योग निकाय एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इण्डिया (एम्फी) के डेटा से पता चलता है कि एसआईपी के माध्यम से म्यूचुअल फंड सहयोग पिछले सात सालों में चार गुना से अधिक बढ़ गया है. वित्त साल 2016-17 में यह धनराशि 43,921 करोड़ रुपये थी.मार्च महीने में एसआईपी के जरिए फंड निवेश 35 प्रतिशत की ऊंची रेट से बढ़कर रु. 19,270 करोड़ अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था. मार्च 2023 में यह आंकड़ा 14,276 करोड़ रुपये था.
इस वर्ष फरवरी और मार्च के लगातार दो महीनों में एसआईपी सहयोग रु. 19,000 करोड़ रुपये समाप्त हो गये. यह निवेशकों के बीच अधिक अनुशासित निवेश रणनीति के प्रति रुझान को दर्शाता है.क्वांटस रिसर्च के स्मॉल-केस मैनेजर और संस्थापक, कार्तिक जोनागडला ने कहा, “निवेशकों ने पिछले वर्ष के मजबूत प्रदर्शन के कारण इक्विटी को अधिक महत्व दिया है. इससे पता चलता है कि निवेशक नियमित रूप से पोर्टफोलियो का मूल्यांकन कर रहे हैं और उसके मुताबिक परिवर्तन कर रहे हैं.
उद्योग जानकारों का मानना है कि खुदरा निवेशकों की बढ़ती बाजार भागीदारी के साथ-साथ उत्साहित आर्थिक परिदृश्य ने भी एसआईपी प्रवाह बढ़ाने में सहायता की है. निवेशकों का म्यूचुअल फंड पर भरोसा बरकरार है.इससे यह भी पता चलता है कि मार्च 2024 में एसआईपी खातों की संख्या 8.4 करोड़ की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है. एसआईपी से प्रबंधन के अनुसार संपत्ति भी मार्च में बढ़कर रु. 10.71 लाख करोड़.