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नाएमा खातून अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की बनी वाइस चांसलर

नाएमा खातून अलीगढ़ मुसलमान यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर बन गई हैं. AMU में 100 वर्षों बाद किसी स्त्री को ये पद सौंपा गया है. इससे पहले 1920 में बेगम सुल्तान जहां AMU की वाइस चांसलर थीं.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति के बाद नाएमा खातून की नियुक्ति वाइस चांसलर के पद पर हुई है. सितंबर 2020 में AMU की स्थापना को 100 वर्ष पूरे हुए थे.

5 वर्षों तक वाइस चांसलर के पद पर रहेंगी खातून
AMU के ऑफिशियल नोटिफिकेशन के अनुसार नाएमा खातून कुल 5 वर्षों के लिए यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर रहेंगी.

नोटिफिकेशन में ये भी लिखा गया है कि इस नियुक्ति से पहले यूनिवर्सिटी ने लोकसभा चुनाव और आचार संहिता को देखते हुए निर्वाचन आयोग से खासतौर पर परमिशन ली थी. इलेक्शन कमीशन ने साफ किया है कि यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर की नियुक्ति का पॉलिटिकल प्रमोशन नहीं किया जाना चाहिए.

नाएमा खातून के VC के पद पर नियुक्ति के निर्णय को दी गई थी चुनौती
नवंबर 2023 में नाएमा खातून के वाइस चांसलर के पद पर नियुक्ति के विरुद्ध इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल दी गई थी. दरअसल, इस मुकदमा में दाखिल याचिका में बोला गया था कि वाइस चांसलर के पद के लिए खातून का नाम का सुझाव जिस कमेटी ने दिया था उस कमेटी के हेड मोहम्मद गुलरेज हैं.

मोहम्मद गुलरेज नाएमा खातून के पति हैं और यूनिवर्सिटी में तत्कालीन अभिनय वाइस चांसलर थे. हालांकि, कोट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद याचिकाकर्ता ने एक बार फिर इस मुकदमा में सुनवाई की मांग की है.

2014 तक विमेंस कॉलेज की प्रिंसिपल रहीं नाएमा खातून
PTI की रिपोर्ट के अनुसार खातून ने AMU से साइकोलॉजी में PhD में की और 1988 में इसी डिपार्टमेंट में लेक्चरर के तौर पर उनकी नियुक्ति हुई. 2006 में प्रमोशन के बाद उन्होंने प्रोफेसर का पद संभाला. 2014 में उन्हें विमेंस कॉलेज के प्रिंसिपल के तौर पर नियुक्त किया गया.

 

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