यहाँ एक जोड़ा मिट्टी का घोड़ा खरीदकर चढाने से होती है संतान की प्राप्ति
छपरा:- सारण जिला में एक विशेष पूजा होती है और मेला भी लगता है। इस मेला का नाम घोड़ा लुटावन मेला है। इस तरैया प्रखंड के बनिया हसनपुर गांव में लगने वाले मेले में जो भी श्रद्धालु आते हैं और संतान की इच्छा मांगते हैं, वो पूरा हो जाता है। लेकिन उसके लिए उन्हें यहां से घोड़ा लूटकर ले जाना होता है। इस मेले में अमरनाथ बाबा की पूजा होती है। पूजा करने के बाद जिस भक्त की मन्नत पूरी हुई होती है, वह एक जोड़ा मिट्टी का घोड़ा खरीदकर अमरनाथ बाबा पर चढ़ाते हैं।
चुराकर लूट ले जाते हैं घोड़ा
मन में मन्नत रखे भक्त उस घोड़े को चुराकर या कहिए कि लुटकर, छुपाकर अपने-अपने घर ले जाते हैं और उसे लाल कपड़ा में लपेट किसी सुरक्षित जगह पर रख देते हैं। जैसे ही उनकी मन्नत पूरी होती है, वह वैसे ही मिट्टी के बने दो घोड़े पुनः चढ़ाने आ जाते हैं। इस पूजा स्थल के बारे में मुस्लिम लोगों में भी काफी आस्था है। यहां पर विशेष चर्चा इस बात की होती है कि यदि किसी को पुत्र प्राप्त नहीं होता है, तो यहां आकर घोड़ा लूटने से उन्हें पुत्र की प्राप्ति हो जाती है।
बाबा अमरनाथ देते हैं संतान का वरदान
यहां पर अमरनाथ बाबा के बारे में कहा जाता है कि काफी समय पूर्व से पूर्वजों ने यहां की परंपरा प्रारम्भ की है। बोला जाता है कि अमरनाथ बाबा की समाधि यहीं पर है। एक बार अमरनाथ बाबा इसी जगह पर युद्ध में पराजित होकर मारे गए थे, तो मरते समय मल्लाह जाति के लोगों ने उनकी आखिरी ख़्वाहिश पूछी। इसके बाद उन्होंने बोला था कि प्रत्येक चैत मास के नवमी एवं दशमी तिथि को यहां पूजा किया जाए, ऐसा जो करेगा उसकी इच्छा पूर्ण होगी। तब से यह परंपरा चली आ रही है। इस जगह पर अमरनाथ बाबा की समाधि के साथ उनके घोड़े की भी मूर्ति बनी है। बाबा को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु उन्हीं के घोड़े जैसा मिट्टी का दो घोड़ा चढ़ाते हैं। यहां पर सारण जिला ही नहीं, गोपालगंज, सिवान, मुजफ्फरपुर एवं यूपी से श्रद्धालु आते हैं। ऐसा अनुमान है कि इस बार के मेले में 10000 से अधिक मिट्टी के घोड़े यहां पर बिक गए हैं।