वैज्ञानिकों ने क्रोध को काबू में रखने का बताया उपाय
अब गुस्सा आने पर दूसरों पर भड़ास निकालने या अकेले में बैठ रोने की जरूरत नहीं है, एक कागज के टुकड़े लिख डालिए अपनी भावनाएं और फाड़ कर फेंक दीजिए उसे।
क्रोध आना स्वाभाविक सी बात है। हर किसी को कभी न कभी, किसी न किसी बात पर क्रोध आता ही है। यह अलग बात है कि किसी को अधिक आता है, तो किसी को कम। आज की भागमभाग भरी दुनिया में चैन के पल कम और तनाव अधिक हैं, ऐसे में अधिकांश लोग चिड़चिड़े और गुस्सैल होते जा रहे हैं, जो न तो हेल्थ के लिए अच्छा है न ही हमारे प्रोफेशनल या पर्सनल रिलेशन के लिए। पर आखिर कोई करे तो करे क्या, anger management हर किसी के वश की बात तो नहीं। पर अब वैज्ञानिकों ने इसका हल ढूंढ निकाला है। आइए जानते हैं, आखिर किस तरह हम अपने क्रोध को काबू में रख सकते हैं।
सिंपल और इफेक्टिव मेथड से भगायें एंगर
जापान के एक रिसर्च ग्रुप ने गुस्से की भावना को कम करने में सहायता करने के लिए एक सरल, पर कारगर तरीका की खोज की है। इस रिसर्च ग्रुप की मानें, तो किसी नकारात्मक घटना पर क्रोध आने पर हमें अपनी प्रतिक्रिया देने की बजाय उसे कागज पर लिखने और फिर उसे टुकड़े-टुकड़े कर फेंक देने से हमारा गुस्सा कम हो सकता है। यह रिसर्च जरूरी है, क्योंकि घर और कार्यस्थल पर क्रोध को नियंत्रित करने से हमारी नौकरियों और पर्सनल जीवन में नकारात्मक परिणामों को कम किया जा सकता है। इस शोध के निष्कर्ष हाल ही में साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित हुए हैं। अभी जो नतीजे प्रकाशित हुए हैं, वे लिखे हुए शब्द और क्रोध में कमी के बीच के संबंध पर बीते कई सालों से हो रहे रिसर्च की परिणति हैं। यह रिसर्च उस कार्य पर आधारित है जिसमें दिखाया गया है कि physical objects के साथ वार्ता करना किसी आदमी के मूड को कैसे नियंत्रित कर सकता है। हालांकि गुस्से को कम करने या दूर करने के लिए पहले से अनेक anger management technique उपस्थित हैं, जिसे जानकारों द्वारा अपनाने की राय दी जाती है। पर दुर्भाग्य से ऐसी कई टेक्निक में इंपीरिकल रिसर्च (वैसे शोध जिसके निष्कर्ष विशेष रूप से ठोस, सत्यापन योग्य साक्ष्य से प्राप्त होते हैं) सपोर्ट की कमी साफ झलकती है।
निष्कर्ष से वैज्ञानिक भी हैरान
इस रिपोर्ट के प्रमुख लेखक नोबुयुकी कवाई का बोलना है कि उन्होंने आशा की थी कि उनका तरीका क्रोध्र को कुछ हद तक दबायेगा। पर क्रोध को पूरी तरह समाप्त होते देख वे दंग रह गये। कवाई नागोया यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट विद्यालय ऑफ इनफॉर्मेटिक्स में कॉग्निटिव साइंस के प्रोफेसर हैं। इस रिसर्च में कवाई की ग्रेजुएट स्टूडेट युता कनाया भी उनके साथ थीं।
जापानी परंपरा हकीदाशिसार से समानता
क्रोध कम करने के लिए जापानी वैज्ञानिकों ने जिस प्रक्रिया को खोजा है, वह जापानी सांस्कृतिक परंपरा ‘हकीदाशिसार’ से मिलती-जुलती है। इस परंपरा में लोग एक प्लेट पर अपने नकारात्मक विचार लिखते हैं और फिर उसे नष्ट कर देते हैं। हकीदाशिसार जापान का एक वार्षिक त्यौहार है जहां लोग उन चीजों का अगुवाई करने वाली छोटी डिस्क तोड़ते हैं जो उन्हें गुस्सा दिलाती हैं। हकीदाशिसार दो शब्दों- हकीदाशी और सारा- से मिलकर बना है, जहां हकीदाशी किसी चीज को सही करने या थूकने को, वहीं सारा एक पकवान या प्लेट को संदर्भित करता है। इस परंपरा का उत्पत्ति स्थल जापान के आइची प्रांत के शहर कियोसु के हियोशी मंदिर को माना जाता है।