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सरकारी योजना का यह विकल्प चुनें लेडीज़, रिटायरमेंट तक पाएं मोटा पैसा

What is the rule of VPF: वीपीएफ यानी वोलेंटरी प्रॉविडेंट फंड जैसा कि इसके नाम से जाहिर है, यह प्रॉविडेंट फंड का वह सहयोग है जो स्वैच्छिक है इसे ऐसे समझें आपकी सैलरी से पीएफ यानी प्रॉविडेंट फंड के मद के तौर पर एक तयशुदा राशि कटती है लेकिन जब बात वीपीएफ की आती है तो यह वह राशि है जिसे आपकी लिखित रिक्वेस्ट पर कंपनी आपकी सैलरी के एक और हिस्से को पीएफ खाते में जमा करती है ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि ) खाते की तुलना में, कर्मचारियों को वीपीएफ खाते में अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 100% सहयोग करने की अनुमति है यदि आप जॉब करती हैं तो पीएफ तो आपकी सैलरी से कटता होगा लेकिन वीपीएफ खाते में सहयोग करना जरूरी नहीं है और यह पूरी तरह से स्वैच्छिक है

  1. भारत गवर्नमेंट वित्तीय साल की आरंभ में वीपीएफ खाते की ब्याज रेट तय करती है यह रेट बढ़ या घट सकती है लेकिन देखा गया है कि यह अक्सर अन्य डिपॉजिट स्कीमों के मुकाबले बहुत अधिक रहती है मौजूदा वित्तीय साल में यह 8.15 प्रतिशत है जो पीपीएफ (पब्लिक प्रॉविडेंट फंड) से भी अधिक है
  2. हर महीने आपकी सैलरी से जैसे पीएफ की धनराशि कटती है वैसे ही वीपीएफ की भी कटेगी आपका एंप्लॉयर आपके नाम से चालू आपके ईपीएफ खाते में यह पैसा डालेगा यह न्यूनतम जोखिम वाली फंड स्कीम है जॉब बदलने की स्थिति में राशि ट्रांसफर करना सरल है
  3. VPF में वह EPF में जरूरी रूप से 12% शामिल नहीं है जो कर्मचारी कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के लिए करता है वीपीएफ की ब्याज रेट ईपीएफ योजना के समान है
  4. वीपीएफ योजना में 5 वर्ष की लॉक-इन अवधि है आवश्यकता के अनुसार, नियमानुसार, आप वीपीएफ खाते से निकासी कर सकती हैं जैसे कि- आपको स्वयं का या बच्चों का मेडिकल बिल चुकाना हो, स्वयं की विवाह या हाइयर एजुकेशन के लिए, नयी जमीन या घर खरीदने के लिए या घर के निर्माण के लिए
  5. आपका वीपीएफ Exempt-Exempt-Exempt (EEE) category में आता है यानी पूरी तरह से कर मुक्त है यह कंट्रीब्यूशन इसमें निवेश करके लंबी अवधि में बड़ी धनराशि कमा सकती हैं और इसे रिटारयमेंट कॉरपस के तौर पर ले सकती हैं
  6. आपका वीपीएफ Exempt-Exempt-Exempt (EEE) category में आता है यानी पूरी तरह से कर मुक्त है यह कंट्रीब्यूशन इसमें निवेश करके लंबी अवधि में बड़ी धनराशि कमा सकती हैं और इसे रिटारयमेंट कॉरपस के तौर पर ले सकती हैं इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के अनुसार कर्मचारी के तौर पर 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट आप ले सकती हैं ईपीएफ और वीपीएफ से मिलने वाला ब्याज भी कर से मुक्त है

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