होली पर बन रहे हैं 4 अद्भुत संयोग, अयोध्या के ज्योतिषी से जानें सबकुछ
अयोध्या: सनातन धर्म में होली का पर्व बहुत खास माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक साल यह पर्व फागुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली का पर्व आपसी मतभेद को भूलकर प्रेम सद्भाव से रहने का संदेश देता है। होली नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा लाती है। इस बार होलिका दहन 24 मार्च को है, तो रंगों की होली 25 मार्च को और इसी दिन चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। हालांकि यह ग्रहण हिंदुस्तान में दिखाई नहीं देगा। ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस साल होली में कई अद्भुत संयोग का निर्माण भी होने जा रहा है। तो चलिए इस रिपोर्ट में जानते हैं कि कब है होली, क्या है अद्भुत संयोग।
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि होली से लगभग 8 दिन पहले फागुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक प्रारम्भ हो जाता है और इस दिन से शुभ कार्यों पर पाबंदी रहती है। यानी कि ज्योतिषीय गणना के अनुसार शुभ कार्यों के लिए यह समय अच्छा नहीं रहता है। 17 मार्च से इसका आरंभ हो रही है और होलिका दहन के दिन इसका समाप्ति होगा। इतना ही नहीं इस बार के होली में कई शुभ योग का निर्माण भी होने जा रहा है।
बन रहे ये अद्भुत संयोग
अयोध्या के ज्योतिषी के अनुसार होलिका दहन के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, गढ़ योग, बुध आदित्य योग का सयोग बना रहा है। इसके अतिरिक्त होली के दिन वृद्धि योग, बुध आदित्य योग, वाशी योग, सुनफा योग बन रहा है। होली और होलिका दहन के दिन इस योग के निर्माण से जीवन में सुख समृद्धि और उन्नति मिलेगी।
होली पर रहेगा भद्रा का साया
ज्योतिषी गणना के अनुसार पंडित कल्कि राम बताते हैं कि पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9ः53 से प्रारम्भ होकर 25 मार्च को दोपहर 12ः30 बजे तक रहेगी। ऐसी स्थिति में उदया तिथि के अनुसार पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को मान्य रहेगी। इसके अतिरिक्त 24 मार्च को ही होली का दहन किया जाएगा। इस दिन सुबह 9ः56 से रात 11ः14 तक भद्रा रहेगी। इस कारण होलिका दहन का शुभ मुहूर्त भद्रा के बाद रात 11ः14 से मध्यरात्रि 12ः11 तक रहेगा।।