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मथुरा-वृंदावन जा रहे हैं तो इन 5 जगहों पर भी घूमकर आएं
आज बृज में होली रे रसिया…होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया…आज बृज में होली रे रसिया…जी हां मथुरा से लेकर बरसाने तक इन दिनों आपको यही गाना सुनाई देगा। होली से करीब महीनेभर पहले ही पूरी मथुरा नगरी रंगों से सराबरो होने लगती है। मथुरा और वृंदावन की होली देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। बरसाने के लट्ठमार होली एक बार सभी को जरूर देखनी चाहिए। हवा में उड़ता गुलाल और मौसम की खुमारी मथुरा में जाते ही और बढ़ जाती है। बरसाने के हुरियारिन जब नंद गांव के ग्वालों पर लट्ठ बरसाती हैं तो बृजवासी इस लीला को देखते रह जाते हैं। यदि आप होली पर मथुरा-वृंदावन घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं तो इसके आसपास की खूबसूरत जगहों को एक्सप्लोर करना न भूलें। आज हम आपको ऐसे 5 धार्मिक और खूबसूरत प्लेस के बारे में बता रहे हैं, जहां आपको घूमने जाना चाहिए।
- रमणरेती- मथुरा से करीब 12 किलोमीटर दूर है रमणरेती। ये बहुत खूबसूरत स्थान है। बोला जाता है ईश्वर कृष्ण अपने मित्रों के साथ यहां रमण यानि लोट लगाते थे। आज भी यहां की मिट्टी में वही पवित्रता है। रमण रेती में चारों तरफ रेत और बहुत बढ़िया कुटिया उपस्थित हैं। यमुना का किनारा यहां की खूबसूरती को और बढ़ा देता है। इस स्थान की खूबसूरती ऋषिकेश से भी बढ़कर लगती है। रमण रेती के पास हिरण अभयारण्य, कुछ खूबसूरत मंदिर भी हैं। आप यहां जरूर घूमने जाएं।
- गोकुल का चौरासी खंबा- मथुरा से 10 किलोमीटर दूर स्थित है चौरासी खंबा मंदिर। मान्यता है कि यहां श्री कृष्ण ने अपना बचपन बिताया था। ये गोकुल का नंद भवन मंदिर है जिसे चौरासी खंबा मंदिर के नाम से जानते हैं। बोला जाता है कि इस मंदिर के दर्शन करने से 4 धामों के दर्शन करने का सुख प्राप्त हो जाता है।
- दाऊजी (बल्देव) मंदिर- मथुरा से 20 किलोमीटर की दूर पर स्थित है ईश्वर कृष्ण के बड़े भाई बलदाऊ जी का मंदिर। ये मंदिर काफी सुंदर और मान्यता प्राप्त है। दाऊजी ईश्वर का ये एकलौता मंदिर है जहां वो अपनी पत्नी रेवती जी से साथ विराजमान हैं। मंदिर में जाते ही आपको सुखद अहसास होगा।
- निधिवन- वृन्दावन के निकट निधिवन बहुत शांत और मशहूर धार्मिक स्थल है। हालांकि निधिवन को रहस्यमयी माना जाता है। मान्यता है कि निधिवन में आज भी ईश्वर श्रीकृष्ण राधा और गोपियों के साथ रात में रास रचाते हैं। इसके बाद यहां बने महल में सोते हैं। महल में कान्हा के लिए माखन मिश्री का भोग रखा जाता है।
- बरसाना- मथुरा से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है बरसाने की राधारानी का मंदिर। बरसाने के बीचों-बीच ये मंदिर एक पहाड़ी पर बना है। बहुत खूबसूरत इस मंदिर को ‘राधारानी महल’ के नाम से भी जाना जाता है। राधाष्टमी पर यहां गजब की रौनक रहती है। यदि मथुरा जा रहे हैं तो यहां जरूर घूमकर आएं।