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Kharmas 2024: खरमास के दौरान नहीं करना चाहिए ये कार्य

Kharmas 2024: हिंदू धर्म में सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करने के समय से खरमास की अवधि प्रारम्भ होती है सूर्य एक महीने तक इस राशि में रहते हैं, इसलिए खरमास भी लगभग एक महीने तक चलता है इस वर्ष एक खरमास 14 मार्च 2024 से प्रारम्भ हो रहा है खरमास की यह अवधि 13 अप्रैल 2024 को समाप्त होगी

Kharmas 2024: खरमास का क्या महत्व है?

खरमास को हिंदू धर्म में आमतौर पर कम शुभ माना जाता है ज्योतिष की मान्यता के अनुसार, सूर्य कमजोर स्थिति में होता है, इसलिए इस दौरान कोई भी नया या मांगलिक कार्य करने से बचना चाहिए पारंपरिक रूप से विवाह, गृह प्रवेश (नए घर में प्रवेश), मुंडन (सिर मुंडवाने का संस्कार) जैसी शुभ गतिविधियां खरमास के दौरान नहीं की जाती हैं हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि खरमास पूरी तरह अशुभ होता है इस दौरान किए गए कुछ कार्यों को काफी पुण्यदायक माना जाता है

Kharmas 2024: खरमास के दौरान कर सकते हैं ये काम

  • स्नान-दान: पवित्र नदियों में स्नान करना और जरूरतमंदों को दान देना खरमास के दौरान शुभ माना जाता है इस वजह से इन दिनों पवित्र नदियों में स्नान के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचते हैं
  • पूजा-पाठ: इस अवधि में शस्त्रों का पाठ, मंत्र जप, ध्यान और ईश्वर विष्णु की पूजा की जा सकती है विष्णु को सृष्टि का पालनहार माना जाता है और उनका ध्यान करने से शांति और सकारात्मकता मिलती है
  • अध्ययन: खरमास के दौरान धार्मिक ग्रंथों का शोध या अध्यात्मिक पुस्तकें पढ़ना भी फायदेमंद माना जाता है

Kharmas 2024: खरमास में नहीं करने चाहिए ये कार्य

  • विवाह और अन्य मांगलिक कार्य स्थगित करें: यदि आप विवाह या किसी अन्य शुभ कार्य की योजना बना रहे हैं, तो खरमास के बाद शुभ मुहूर्त का प्रतीक्षा करना बेहतर है खरमास में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि मांगलिक कर्मों के लिए शुभ मुहूर्त नहीं रहते हैं
  • कोई नया व्यापार प्रारम्भ करने से बचें: नया व्यापार या उद्यम प्रारम्भ करने के लिए भी खरमास को उपयुक्त समय नहीं माना जाता है
  • सकारात्मक रहें: हालांकि खरमास को कम शुभ माना जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह अशुभ है इस दौरान सकारात्मक रहें और धार्मिक कार्यों में भाग लें

Kharmas 2024: खरमास में क्यों नहीं किये जाते शुभ कार्य

पंचदेवों में से एक, सूर्य एकमात्र प्रत्यक्ष देवता हैं किसी भी शुभ कार्य की आरंभ में ईश्वर गणेश, ईश्वर शिव, विष्णु, देवी दुर्गा और सूर्यदेव की पूजा की जाती है जब सूर्य बृहस्पति की सेवा में रहता है तो उसकी शक्ति कम हो जाती है इस अवधि में बृहस्पति की शक्ति भी कम हो जाती है इन दोनों ग्रहों की स्थिति कमजोर होने के कारण कोई भी शुभ कार्य न करने की राय दी जाती है यदि शादी के समय सूर्य और बृहस्पति अच्छी स्थिति में हों तो शादी सफल होने की आसार बहुत अधिक होती है

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/954529084

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