Ram Navami 2024 Shubh Yog: इस योग में मनाई जा रही है राम नवमी
Ram Navami 2024 Shubh Yog: चैत्र मास के शुकल्पक्ष को रामनवमी का त्योहार बहुत ही धूम धाम से मनाया जायेगा, क्योंकि भगवन राम का जन्म चैत्र मास के शुक्लपक्ष के नवमी तिथि तथा पुनर्वसु नक्षत्र में जन्म हुआ है।इसका प्रमाण कई वेद पुराण में भी वर्णित है। तुलसीदास ने भी रामायण के बालकाण्ड में पुरषोत्तम राम के जन्म पर विशेष रूप से वर्णित किया है। रामायण के मुताबिक अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी लेकिन तीनो में से किसी का पुत्र नहीं नहीं था पुत्र को लेकर राजा दशरथ बहुत परेशान थे। पुत्र प्राप्ति के लिए रजा दशरथ ने गुरु वशिष्ठ के आदेश मुताबिक यज्ञ किया था। प्रसाद के रूप में खीर बनवाई थी। वह खीर दशरथ के तीनो पत्नियों कटोरी खीर भरकर उनके हाथ में दिए और कुछ दिन बाद रजा दशरथ के तीनो पत्नियां गर्भवती हो गई और कौशल्या के गर्भ से ईश्वर राम जन्म का जन्म हुआ।
रामनवमी पर ग्रहों की स्थिति
आज चंद्रमा कर्क राशि में रहेंगे नक्षत्र अश्लेशा रहेगा अश्लेषा नक्षत्र के स्वामी बुध है, जो आज मीन राशि यानि गुरु की राशि में शुक्र राहु के साथ बैठे है, जो बहुत ही सुन्दर योग बना हुआ है।देवगुरु वृहस्पति मेष राशि में साथ ही सूर्य अपने उच्य की राशि मेष में है मेष राशि में सूर्य और गुरु की युति बनी हुई है, जो बहुत ही अद्भुत संयोग है शनि और मंगल कुम्भ राशि में वही केतु कन्या राशि में विराजमान है, जो पुषोतम राम के जन्म उत्सव के लिए बहुत ही शुभ है।
रवि योग में मनाया जा रहा है राम नवमी
भगवन का जन्म उत्सव के दिन रवि योग बन रहा है जो कल्याणकारी योग है। इस योग में पूजन करने से आदमी के सभी इच्छा पूर्ण होता है साथ ही वह प्रसन्न रहते है। परिवार में उन्नति होता है।
रवि योग का आरम्भ
17 अप्रैल 2024 दिन बुधवार समय 05:25 सुबह
रवि योग की समाप्ती
18 अप्रैल 2024 दिन गुरुवार समय 05:24 सुबह तक
रामनवमी के पूजन का शुभ मुहूर्त
नवमी तिथि का आरम्भ 16 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार समय दोपहर 01 :23 से
नवमी तिथि का समापन 17 अप्रैल 2024 दिन बुधवार समय दोपहर 01: 23 तक
रामनवमी का पूजन मुहूर्त
17 अप्रैल 2024 दिन बुधवार पूजन का शुभ समय सुबह 10:32 से दोपहर 01:06 तक
कष्टों से मुक्ति के लिए करे इस मंत्र का जाप करें
ॐ ह्रां ह्रीं रां रमाय नमः॥
शत्रु से रक्षा के लिए इस स्त्रोत को पढ़े ।
हे रामा पुरुषोत्तममा नरहरे नारायणा केशव ।
गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा ॥
हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते ।
बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम ॥
आदौ रामतपोवनादि गमनं हत्वा मृगं कांचनम ।
वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव सम्भाषणम ॥
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं लंकापुरीदाहनम ।
पश्चाद्रावण कुम्भकर्णहननं एतद्घि रामायणम
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847