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रूट-नॉट नेमाटोड टमाटर की फसलों के लिए है बड़ा खतरा

 दरभंगा : रूट-नॉट नेमाटोड मुख्य रूप से मेलोइडोगाइन जीनस की प्रजातियां है जो ना केवल दरभंगा बल्कि पूरे विश्व में टमाटर के पौधे को प्रभावित करने वाली सबसे विध्वंसक पेस्ट में से एक हैं नेमाटोड पौधे की जड़ों को संक्रमित करता है इससे विशिष्ट गॉल या गांठें बनती हैं, जो पौधे की मिट्टी से पोषक तत्वों और पानी को अवशोषित करने की क्षमता को बाधित कर देता है

इसका रिज़ल्ट यह होता है कि पौधे में विकास की कमी, मुरझाना और उपज क्षमता को प्रभावित कर देता है पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ प्लांट पैथोलॉजी एवं नेमेटोलॉजी के विभागाध्यक्ष डाक्टर एसके सिंह ने कहा कि रूट-नॉट नेमाटोड के लक्षण एवं पहचान के लिए खास बिंदुओं पर ध्यान देना होता है जिसमें ऊपरी-भूमि लक्षण में संक्रमित पौधे के विकास में रुकावट, मुरझाना, पत्तियों का पीला पड़ना और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है रूट में गॉल या गांठें नेमाटोड संक्रमण का हीं लक्षण हैं इसमें जड़ें विकृत, सूजी हुई या गांठदार दिखाई दे सकती हैं


डॉ एसके सिंह ने कहा कि रूट-नॉट नेमाटोड टमाटर की फसलों के लिए एक जरूरी खतरा है यदि अनियंत्रित छोड़ दिया जाए तो उत्पादन क्षमता को पूरी तरह से प्रभावित कर देता है इसमें कल्चरल, रासायनिक और जैविक उपायों को मिलाकर पेस्ट को प्रबंधित करने का सबसे कारगर तरीका है

प्रतिरोधी किस्मों का चयन, फसल चक्र अपनाना, मिट्टी में सौरीकरण करना, नेमाटोसाइड का सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करना और फायदेमंद जीवों को बढ़ावा देने जैसे अवयब पर किसानों को ध्यान देने की आवश्यकता पड़ती है कारगर प्रबंधन और संक्रमण की रोकथाम के लिए नियमित नज़र जरूरी है इन रणनीतियों को लागू करने से स्वस्थ टमाटर की फसल और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को सुनिश्चित करने में सहायता मिलती है

ऐसे करें रूट नॉट नेमाटोड को प्रबंधित
इसमें मिट्टी के तापमान को बढ़ाने और नेमाटोड को मारने के लिए गर्म महीनों के दौरान नम मिट्टी को प्लास्टिक से ढकना चाहिए

अधिक पानी देने से बचें, क्योंकि अत्यधिक नमी नेमाटोड के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाती है

रोपाई करते समय नेमाटोड को साफ स्थान पर ना रखें मिट्टी को एक स्थान से दूसरी स्थान ले जाने से रोकें

कुछ कवक और बैक्टीरिया, जैसे पेसिलोमाइसिस लिलासिनस और बैसिलस फर्मस मिट्टी में लगाए जाने पर नेमाटोड जनसंख्या को कम किया जा सकता है

सरसों या अन्य ब्रॉसिका को उगाने और मिट्टी में मिलाने से आइसोथियोसाइनेट्स निकलते हैं, जो नेमाटोड की जनसंख्या को कम करते हैं

नेमाटोड की जनसंख्या को कम करने के लिए टमाटर को गैर-होस्ट फसलों में गेहूं, जौ, ब्रोकोली या सरसों के साथ 2-3 वर्ष का फसल चक्र अपनाए

टमाटर की रोपाई से पहले 2-3 हफ्ते तक जुताई की हुई जमीन को खुला रखें, इससे नेमाटोड की संख्या कम करने में सहायता मिल सकती है

गेंदा जैसी फसल लगाने से नेमाटोड को दबाया जा सकता है, क्योंकि प्राकृतिक रासायनिक यौगिक नेमाटोड के लिए विषाक्त होते हैं कटाई के बाद दो महीने तक खेतों में मैरीगोल्ड लगाएं, रोपाई से पहले मिट्टी में हल चला दें फूल नेमाटोड को आकर्षित करते हैं और उनकी जनसंख्या को कम करते हैं

कटाई के बाद पौधों के मलबे को जलाकर नष्ट कर दें एवं मुरझाए या पीले पड़ चुके पौधों की तलाश में नियमित रूप से खेत की नज़र करें नियंत्रण के लिए पांच टन प्रति हेक्टेयर की रेट से पोल्ट्री खाद या गोबर का प्रयोग फसल की शक्ति को बढ़ा सकता है और फसल पर नेमाटोड संक्रमण को कम करता है

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