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Supernova Explosion: सुपरनोवा से दहल उठा था ब्रह्मांड लेकिन गामा किरणें गायब…

Supernova Explosion In Pinwheel Galaxy: पिछले वर्ष पृथ्वी की एक नजदीकी आकाशगंगा- Pinwheel (Messier 101) में सुपरनोवा विस्फोट हुआ खगोलशास्त्रियों के लिए यह बड़ी दिलचस्प घटना थी उन्हें सुपरनोवा पर रिसर्च से यह पता चलता है कि ऐसे धमाकों का कास्मिक किरणों पर क्या असर होता है दरअसल सुपरनोवा विस्फोट की वजह से कॉस्मिक किरणों की रफ्तार प्रकाश के बराबर तक पहुंच जाती है सुपरनोवा के बाद कॉस्मिक किरणों से हाई-एनर्जी वालीं गामा किरणें निकलती हैं 2023 का सुपरनोवा विस्फोट वैज्ञानिकों को दंग कर गया अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के Fermi टेलीस्कोप को इस सुपरनोवा धमाके के बाद एक भी गामा किरण नहीं दिखी इसने वैज्ञानिकों को सोचने पर विवश कर दिया खगोलशास्त्रियों का अनुमान था कि सुपरनोवा अपनी कुल ऊर्जा का करीब 10% कॉस्मिक किरणों की गति तेज करने में खर्च करते हैं लेकिन पिनव्हील गैलेक्सी में सुपरनोवा धमाके में बहुत कम – 1% एनर्जी कन्वर्जन हुआ वैज्ञानिकों की हालिया स्टडी के नतीजे Astronomy and Astrophysics जर्नल में प्रकाशित हुए हैं

धरती के वायुमंडल से हर रोज कई ट्रिलियन कॉस्मिक किरणें टकराती हैं इनमें से करीब 90% हाइड्रोजन नाभिक – या प्रोटॉन्स – होते हैं बाकी इलेक्ट्रॉन या अन्य भारी तत्वों के नाभिक रहते हैं

Supernova Explosion: कॉस्मिक किरणों का क्या है राज?

वैज्ञानिक कॉस्मिक किरणों पर पिछली सदी की आरंभ से रिसर्च करते आ रहे हैं इन कणों का सोर्स क्या है, यह अब तक पता नहीं चल पाया है वैसे इन कणों पर इलेक्ट्रिक चार्ज होता है, इसलिए अपनी यात्रा के दौरान कॉस्मिक किरणें रास्ता बदलती रहती हैं रास्ते में पड़ने वाली किसी मैग्नेटिक फील्ड के असर से ये रूट बदल लेती हैं NASA के Fermi प्रोजेक्ट में साइंटिस्ट एलिजाबेथ के अनुसार, कॉस्मिक किरणों के उलट गामा किरणें हम तक सीधे पहुंचती हैं जब कॉस्मिक किरणें अपने वातावरण में उपस्थित पदार्थ से टकराती हैं तो गामा किरणें पैदा होती हैं

Fermi अभी तक का सबसे सेंसिटिव गामा-रे टेलीस्कोप है इसे पृथ्वी से 22 मिलियन प्रकाश साल दूर हुए सुपरनोवा विस्फोट के सिग्नल डिटेक्ट करने चाहिए थे ऐसा क्यों नहीं हुआ? वैज्ञानिकों का इस प्रश्न का उत्तर मिला तो कॉस्मिक किरणों के बारे में और जानकारी हासिल हो सकती है खगोलशास्त्रियों को लगता है कॉस्मिक किरणों के लिए सबसे अधिक उत्तरदायी सुपरनोवा होते हैं

Supernova Explosion: सुपरनोवा किसे कहते हैं?

हमारा सूरज एक तारा है उसके जैसे और उससे कहीं बड़े तारे अंतरिक्ष में उपस्थित हैं सूरज के द्रव्यमान से कम से कम आठ गुना भारी तारों में सुपरनोवा विस्फोट होते हैं ये विस्फोट तब होते हैं जब तारे के भीतर ईंधन समाप्त हो जाता है तारे की कोर ढह जाती है और फिर वापसी करती है इससे पूरे तारे में एक शॉकवेव फैल जाती है यही शॉकवेव पार्टिकल्स को बड़ी तेजी से आगे भेजती है जिससे कॉस्मिक किरणें बनती हैं जब कॉस्मिक किरणें तारे के चारों तरफ उपस्थित पदार्थ और प्रकाश से टकराती हैं तो गामा किरणें पैदा होती हैं

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