ये है देश का सबसे अनोखा और चमत्कारी मंदिर, यहां बिना छत के रहते हैं पवनपुत्र हनुमान
कानिवाड़ा मंदिर संगमरमर के पत्थर से बना है लेकिन इस मंदिर की कोई छत नहीं है. जब भी इस मंदिर पर छत डालने की प्रयास की गई तो वह ढह गई या तूफानों में उड़ गई, इसलिए जब नया मंदिर बनाया गया तो उसमें छत नहीं डाली गई. पहले यह मंदिर जंगल में था, बाद में इसे एक बड़े मंदिर का रूप दिया गया, यहां मंदिर बनाया गया और दीवारों की ऊंचाई बढ़ाई गई, लेकिन साथ ही मूर्ति की ऊंचाई भी अपने आप बढ़ने लगी.
इसीलिए इस मंदिर को चमत्कारी हनुमान भी बोला जाता है. मान्यता है कि इस मंदिर में लोगों की हर इच्छा पूरी होती है. नि:संतान को संतान की प्राप्ति होती है. इस मंदिर में 13 अखंड जोतियां जलती हैं. यदि लोग इस मंदिर में जो भी इच्छा लेकर आते हैं वह पूरी हो जाती है तो वे अपनी-अपनी अखंड भूमि को जला देते हैं.
कानीवाड़ा हनुमान मंदिर में पूजा करने वाले पुजारी दलित हैं. वह स्वयं को गर्गाचार्य का पुत्र बताते हैं. गर्गाचार्य जी यदुवंशियों के कुल गुरु थे, जो एक महान तपस्वी थे. एक दिन वसुदेवजी की प्रेरणा से वह नंदबाबा के गोकुल में आये. यही पुजारी परिवार करीब 10 पीढ़ियों से यहां पूजा-अर्चना करता आ रहा है और लोगों को आशीर्वाद भी देता आ रहा है.बालाजी के इस चमत्कारी मंदिर ने कई लोगों की मनोकामनाएं पूरी की हैं. हनुमानजी के इस मंदिर में आने वाले लोग हमेशा इस मंदिर के भक्त बन जाते हैं.