दरअसल, अहमदाबाद के सोला में रहने वाले जसवंत नाइक की पत्नी रंजना नाइक को दिल का दौरा पड़ने के बाद इमरजेंसी इलाज के लिए स्टर्लिंग हॉस्पिटल ले जाया गया था. रंजना नायक के पास पीएमजेएवाई कार्ड होने के बावजूद स्टर्लिंग हॉस्पिटल ने योजना के अनुसार उनका उपचार नहीं किया.
आरोप है कि हॉस्पिटल ने उपचार के लिए पैसों की मांग की. हॉस्पिटल ने रोगी की हालत को देखते हुए कैश जमा करने या रोगी को दूसरी स्थान शिफ्ट करने को कहा. रोगी की हालत देखकर परिवार ने उपचार के लिए नकदी जमा कर दी.
मरीज रंजना नाइक के पति जशवंत नाइक ने एक हिंदी न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा, ”मेरी पत्नी को 23 सितंबर को दिल का दौरा पड़ा था. भले ही PMJAY कार्ड एक्टिव था, फिर भी हमें स्टर्लिंग हॉस्पिटल द्वारा कहा गया कि PMJAY के दौरान रोगी का उपचार नहीं किया जा सकता है. आपात स्थिति में हमसे पैसे मांगे गए, जो हमने चुका दिए. उन्होंने इल्जाम लगाया कि जब उपचार प्रारम्भ हुआ तो हॉस्पिटल स्टाफ ने हमसे दोबारा पैसे मांगे, जिसके कारण देरी होने पर उनकी पत्नी का उपचार भी रोक दिया गया. अंततः 1 अक्टूबर को उनकी पत्नी की मौत हो गयी. हॉस्पिटल ने उपचार के लिए 9 लाख रुपये नकद देने को विवश किया.’
कमेटी में हॉस्पिटल को गुनेहगार पाया गया
अहमदाबाद के जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बोला कि रोगी के पास एक्टिव पीएमजेएवाई कार्ड होने के बावजूद, स्टर्लिंग हॉस्पिटल ने रिपोर्ट, दवाओं और सर्जरी के लिए उसके परिवार के सदस्यों से 9 लाख रुपये नकद एकत्र किए. हॉस्पिटल के प्रतिनिधि की मौजूदगी में कमेटी में मुद्दे पर चर्चा के बाद हॉस्पिटल को गुनेहगार पाया गया. हॉस्पिटल ने साफ रूप से PMJAY दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया. इसके चलते मृतक रोगी के परिवार को 9 लाख रुपये और गवर्नमेंट को 45 लाख रुपये जुर्माना देने का निर्देश दिया गया है.