राष्ट्रीय

इस बार चुनाव प्रचार में Technology का जमकर हो रहा प्रयोग

Zee News DNA on Deepfake: लोकसभा चुनाव का आज पहला चरण था 21 राज्यों की 102 सीटों पर आज वोटिंग हुई पार्टियां अब दूसरे चरण के चुनाव प्रचार में जुट गई हैं इस बार चुनाव प्रचार में Technology का जमकर प्रयोग हो रहा है… लेकिन साथ ही साथ चुनाव प्रचार में Technology का दुरुपयोग भी किया जा रहा है कुछ शरारती तत्व अपनी चहेती सियासी पार्टियों, और उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाने के लिए मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री celebs के Deepfake वीडियोज़ का सहारा ले रहे हैं

कुछ दिन पहले आमिर खान का एक Deepfake वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो कांग्रेस पार्टी पार्टी के लिए वोट मांगते नजर आ रहे थे… वीडियो वायरल होने के बाद आमिर खान को इस पर सफाई देनी पड़ी, और उन्होंने बोला कि वो किसी पार्टी का समर्थन नहीं करते आमिर खान ने साइबर सेल में FIR भी दर्ज कराई थी लेकिन अब रणवीर सिंह का भी ऐसा ही एक Deepfake वीडियो वायरल हो रहा है

एक्टर रणवीर सिंह का डीपफेक वीडियो हुआ वायरल

इस Fake वीडियो में रणवीर सिंह एक पॉलिटिकल पार्टी का सपोर्ट करते नजर आ रहे हैं ये वीडियो हाल ही में रणवीर सिंह की वाराणसी विजिट का है जिसमें वो शहर से जुड़े अपने एक्सपीरियंस शेयर कर रहे थे लेकिन AI के Deepfake तकनीक से बनाए गए वीडियो में… Ranveer Singh को केंद्र गवर्नमेंट पर धावा बोलते हुए दिखाया गया है  इस Fake वीडियो में रणवीर सिंह मतदाताओं से ठीक पार्टी को वोट देने की बात कह रहे हैं वीडियो के अंत में ‘वोट फॉर कांग्रेस’ टैगलाइन भी लगाई गई है इस वीडियो के वायरल होने के बाद रणवीर सिंह ने ट्वीट किया है और ‘डीप फेक से बचने की अपील की है

हम आपको इस FAKE VIDEO का पूरा Demo बताते हैं ताकि आप भी Deepfake वीडियो वाले खतरे से सावधान हो जाएं AI का चुनाव प्रचार में प्रयोग कोई नयी बात नहीं है कुछ लोग इसका इस्तेमाल नये वोटर्स तक पहुंच बढ़ाने के लिए करते हैं जबकि इसी तकनीक का दुरुपयोग भी किया जा सकता है जैसे सियासी दल बिना किसी सेलेब्रिटी को पैसे दिए उनके AI GENERETED वीडियो का इस्तेमाल अपने चुनाव प्रचार में कर सकते हैं हालांकि AI TECHNOLOGY का इससे भी घातक दुरुप्रयोग किया जा सकता है

चुनावों को प्रभावित कर सकती है तकनीक

जब एक पॉलिटिकल पार्टी किसी विरोधी दल या विरोधी नेता को बदनाम करने के लिए AI GENERETED DEEPFAKE VIDEO बनाती है लेकिन इस तकनीक का सबसे घातक इस्तेमाल तब हो सकता है जब एक राष्ट्र किसी दूसरे राष्ट्र के चुनाव को प्रभावित करने के लिए… DEEPFAKE VIDEO का सहारा लेता हैभले ही ये तकनीक नयी लग रही हो, लेकिन इसका इस्तेमाल काफी पहले से हो रहा है इसके कुछ उदाहरण हम आपको बताते हैं

पहली वो स्थिति है जब एक पार्टी अपने नेता की पहुंच अधिक से अधिक मतदाताओं तक बढ़ाने के लिए… AI VIDEO बनाती है साल 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में ऐसा हो चुका है तब भाजपा ने अपने उम्मीदवार मनोज तिवारी के हरियाणवी और अंग्रेजी भाषा में AI वीडियो बनाए थे

पाकिस्तान में भी दिखा था एआई का जलवा

हाल ही में हुए पाक चुनाव में भी AI का इस्तेमाल किया गया था पाक में चुनाव के दौरान इमरान खान कारावास में थे इमरान खान अपना बयान लिखकर अपनी पार्टी के नेताओं को देते थे उसके बाद AI की सहायता से इस लिखित बयान को इमरान की आवाज़ में बदल दिया जाता था पार्टी की रैलियों में इस AI Generated Audio Video clips चलाई गई थी इस तरह से देखा जाए तो इमरान खान कारावास के अंदर रहकर भी, AI की सहायता से रैलियां कर रहे थे

अब आपको AI के दुरुपयोग की दूसरी स्थिति समझाते हैं जब कोई सियासी दल अपने चुनाव प्रचार के लिए किसी ऐसे नेता का AI VIDEO बनाये जिसका मृत्यु हो चुका है… जैसा तमिलनाडु में हो चुका है पिछले एक साल में तमिलनाडु की दोनों मुख्य सियासी पार्टियां अपने सियासी प्रचार में AI का खूब इस्तेमाल कर रही हैं DMK के सबसे बड़े नेता एम करुणानिधि का मृत्यु साल 2018 में हो गया था लेकिन पिछले 6 महीने में DMK के भिन्न-भिन्न सियासी कार्यक्रमों में एम करुणानिधि का AI Generated वीडियो चलाया जा रहा है इन वीडियोज़ में एम करुणानिधि अपने खास अवतार अपने बेटे स्टालिन की प्रशंसा करते हुए दिखाए जाते हैं एम करुणानिधि के इस AI Generated अवतार में उनका लुक वही है जिसमें वो जीवन भर नजर आते रहे हैं वो सफेद कुर्ता,पीला गमछा और काला चश्मे पहने हुए दिखाई देते हैं

मर चुके नेताओं के दिखाए जा रहे डीपफेक वीडियो

यही नहीं तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी AIADMK भी AI के इस्तेमाल में पीछे नहीं है AIADMK की सबसे बड़ी स्त्री नेता जयललिता का मृत्यु 2016 में ही हो गया था लेकिन साल 2024 में भी उनके AI Generated ऑडियो सामने आ रहे हैं, जिसमें वो सत्ताधारी पार्टी DMK के विरोध में बोलती सुनाई देती हैं AIADMK के सियासी कार्यक्रमों में भी जयललिता के AI Generated ऑडियो जनता को सुनाए जा रहे हैं

राजनीतिक कार्यक्रमों में अक्सर स्वर्गीय वरिष्ठ नेताओं की फोटोज़ लगाई जाती है इन तस्वीरों पर फूल चढ़ाकर नेतागण अपने पक्ष में माहौल बनाने की प्रयास करते हैं लेकिन AI के ज़माने में अब नयी परिपाटी प्रारम्भ की गई है अब फोटोज़ नहीं बल्कि सीधा AI Generated वीडियो ही चलाए जा रहे हैं, जिसमें मृत नेता जीवित अवतार में आकर जनता को संबोधित कर रहे हैं

AI के चुनावी इस्तेमाल की तीसरी स्थिति वो है जब कोई पार्टी किसी सेलिब्रिटी को बिना कोई पैसे दिए उनके AI वीडियो का इस्तेमाल अपने चुनाव प्रचार में करे जैसा इस बार आमिर खान और रणवीर सिंह के साथ हुआ चौथी स्थिति वो है… जब एक पार्टी अपने विरोधी पार्टी या नेता को बदनाम करने के लिए… AI तकनीक का इस्तेमाल करे, जैसा कि अमेरिका में हो चुका है

अमेरिका में भी हो चुका है हंगामा

अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी ने हाउस ऑफ कांग्रेस पार्टी की चेयरपर्सन… Nancy Pelosi का deepfake video निकाला था जिसमें उनकी आवाज को बदल दिया गया था और ऐसा लग रहा था कि वो नशे में हैं ये वीडियो डोनल्ड ट्रंप ने भी ट्वीट किया था इस तरह के वीडियो से किसी भी नेता की छवि को डैमेज किया जा सकता है

आपको जानकार आश्चर्य होगी कि हिंदुस्तान में भी ऐसा हो चुका है… पिछले साल नवंबर में जब 5 राज्यों के विधान सभा चुनाव हुए थे तब BRS यानि हिंदुस्तान देश समिति ने चुनाव आयोग में ये कम्पलेन की थी, कि कांग्रेस पार्टी पार्टी ने वोटिंग के दिन एक फेक वीडियो शेयर किया था… जिसमें BRS के नेता… केटी रामाराव लोगों से कांग्रेस पार्टी को वोट देने की अपील कर रहे थे… अब ये तो नहीं बोला जा सकता इस वीडियो से कितने लोगों के वोट प्रभावित हुए थे, लेकिन तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी ने BRS को हराकर गवर्नमेंट बनाई थी

दूसरे राष्ट्र का चुनाव प्रभावित करने की कोशिश

AI के दुरुपय़ोग की सबसे घातक स्थित वो है, जब एक राष्ट्र किसी दूसरे राष्ट्र के चुनाव या लोकतंत्र को, प्रभावित करने की प्रयास करता है साल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में विदेशी दखल हुआ था…तब अमेरिकी जांच एजेंसियों ने लंबी जांच के बाद ये माना था कि… कुछ विदेशी ताकतें 2016 के चुनाव में डोनल्ड ट्रंप को जिताने के लिए फेक न्यूज फैला रही थीं

भारत के इस लोकसभा चुनाव में भी Mircrosoft ने संभावना जताई थी कि चीन फेक न्यूज और फेक वीडियो के जरिए हिंदुस्तान के चुनाव को प्रभावित कर सकता है अमेरिका की Tech Company Microsoft ने चीन की AI चालबाजी का खुलासा किया था

Microsoft ने अपने एक Blog post में बोला है था… कि चीन इस साल Artificial intelligence से बने content का इस्तेमाल करके भारत, अमेरिका और दक्षिण कोरिया में होने वाले चुनावों में असर डालने की प्रयास करेगा AI की सहायता से इन राष्ट्रों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को, प्रभावित करने की इस षड्यंत्र में उसके साथ उत्तर कोरिया के भी शामिल होने का दावा किया गया था

भारत में चुनाव को पहुंचा सकती हैं नुकसान

चीन के इस षडयंत्र का खुलासा Microsoft की THREAT INTELLIGENCE TEAM ने किया है उनके अनुसार अपने हितों के लिए चीन के Hackers group, उत्तर कोरिया की सहायता से साल 2024 में होने वाले कई राष्ट्रों के चुनावों को निशाना बना सकता है ये लोग Social Media के माध्यम से लोगों तक पहुंच रहे हैं, और AI की सहायता से भ्रामक CONTENT तैयार करके जनता के विचारों को प्रभावित कर रहे हैं

Microsoft ने अपनी Blog post में बोला है कि “इस साल पूरे विश्व में प्रमुख चुनाव हो रहे हैं, खासकर भारत, दक्षिण कोरिया और अमेरिका में हमारा आकलन है कि चीन, कम से कम, अपने हितों को फायदा पहुंचाने के लिए Fake AI-CONTENT बनाएगा और फैलाएगा

डीपफेक पर गवर्नमेंट ने जारी की गाइडलाइन

DEEPFAKE एक ऐसा खतरा है, जिसपर पीएम मोदी भी चिंता जता चुके है… प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने बोला था कि deepfake से समाज में अशांति और तानाशाही पैदा हो सकती है…इसीलिए इस खतरे से निपटने के लिए Ministry of Electronics and Information Technology ने इसी महीने एक Advisory जारी की है…इस Advisory में बोला गया है कि सभी सोशल मीडिया कंपनियां IT नियमों का पालन करें सोशल मीडिया कंपनियां deepfake पर लोगों को आगाह करें गलत और अनुचित कंटेंट पर कार्रवाई की जाए

Advisory के rule 3(1)(b) का हवाला देते हुए बोला गया है कि यदि कोई अनुचित कंटेंट को social media platform पर पोस्ट या शेयर करेगा, तो उसके विरुद्ध इस rule के अनुसार कार्रवाई की जाए गवर्नमेंट ने सोशल मीडिया कंपनियों को Misinformation और deepfakes पर अधिक ध्यान देने के लिए बोला है सभी नियमों का कठोरता से पालन करने को बोला है क्योंकि गवर्नमेंट भी deepfake को लोकतंत्र के लिए खतरा मान रही है इस वर्ष 64 राष्ट्रों में चुनाव हो रहे हैं… ऐसे में Deepfake का चुनावी दुरुपयोग, नतीजों को प्रभावित कर सकता है

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