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उन्नाव में अनुसूचित जाति के एक युवक ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अंदर खुद पर लगाई आग

उन्नाव जिले में बुधवार को एक सनसनीखेज घटना में अनुसूचित जाति के एक पुरुष ने पुलिस क्षेत्राधिकारी पर अन्याय करने का इल्जाम लगाते हुए पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अंदर स्वयं पर केरोसीन डालकर आग लगा ली उसे नाजुक हालत में लखनऊ भेजा गया है

पुलिस सूत्रों ने कहा कि पुरवा कोतवाली क्षेत्र के भूलेमऊ गांव के निवासी अनुसूचित जाति के पुरुष श्रीचंद्र (35) ने पुलिस पर उसके साथ इन्साफ न करने का इल्जाम लगाते हुए केरोसिन डालकर आग लगा ली

मौके पर उपस्थित पुलिसवालों ने आज की लपटों से घिरे श्रीचंद पर कंबल डालकर आग बुझाई और वे उसे जिला हॉस्पिटल ले गए
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जिला हॉस्पिटल के इमरजेंसी विभाग में श्रीचंद पुरवा के पुलिस क्षेत्राधिकारी दीपक सिंह पर गंभीर इल्जाम लगाते हुए पुलिस अधीक्षक को बुलाने की मांग कर रहा था

गंभीर रूप से झुलसे पुरुष को जिला हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने लखनऊ ले जाने की राय दी
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर आर के गौतम ने कहा कि पुरुष 60 फीसदी से अधिक जल गया है तथा उसे बेहतर उपचार के लिए लखनऊ ले जाने का परामर्श दिया गया है

दोपहर में हुई इस घटना के बाद अपर पुलिस अधीक्षक अखिलेश सिंह और पुलिस क्षेत्र अधिकारी (नगर) आशुतोष कुमार ने जिला हॉस्पिटल पहुंचकर पीड़ित के हालचाल जानने के बाद परिजनों को इन्साफ का भरोसा दिया

हालांकि पुलिस के अधिकारी घटना के मामले में कुछ भी बोलने से मना करते रहे
देर शाम घटना की जानकारी लेने जिला मुख्यालय पहुंचे पुलिस महानिरीक्षक तरुण गाबा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है तथा इसके कारणों की गहराई से जांच की जा रही है

इस घटना के बाद श्रीचंद्र के भाई मूलचंद्र ने संवाददाताओं को कहा कि गांव में उसकी पुश्तैनी जमीन पर कुछ लोग कब्जा कर रहे थे तथा इंकार करने पर उन लोगों ने अक्टूबर में जान से मारने की नीयत से उस पर धावा किया था इस मुद्दे में पिछली 18 अक्टूबर को केस लिखा गया था

मूलचंद्र ने गंभीर इल्जाम लगाते हुए बोला कि पुलिस क्षेत्राधिकारी दीपक सिंह ने कुछ दिन बाद विपक्षी लोगों से घूस लेकर विपरीत श्रीचंद और उसके पक्ष के कुछ लोगों पर स्त्रियों से अभद्रता और हाथापाई के फर्जी इल्जाम में केस लिखवा दिया, इससे विपक्षियों की हौसला बढ़ गई

मूलचंद्र का यह भी इल्जाम है कि संबंधित पुलिस अधिकारी ने मुकदमे से तीन आरोपियों के नाम हटा दिए जिसे लेकर जिले के साथ-साथ लखनऊ तक के ऑफिसरों से इन्साफ की गुहार लगाई गई लेकिन न्याय नहीं मिला, फलस्वरूप उसके भाई ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आत्मदाह का कोशिश किया

इस बारे में पुलिस क्षेत्राधिकारी दीपक सिंह ने पीटीआई- से बोला कि उन पर लगाए गए इल्जाम गलत और आधारहीन हैं उन्होंने बोला कि श्रीचंद्र द्वारा लिखवाए गए मुकदमे में जिन तीन लोगों के नाम हटाए गए हैं, जांच में उनकी घटना में कोई भी संलिप्तता नहीं मिली थी
उन्होंने कहा कि मुद्दे की जांच पूरी तरह निष्पक्ष ढंग से की गई है

उन्होंने बोला कि यहां तक कि उन्होंने प्रतिपक्षियों द्वारा लिखवाए गए मुकदमे में जांच के बाद संलिप्तता नहीं पाए जाने पर स्वयं श्री चंद के पिता का नाम भी मुकदमे से हटाया था
सिंह ने बोला कि वह अपने विरुद्ध होने वाले किसी भी जांच के लिए तैयार हैं

 



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