एक निर्दलीय उम्मीदवार का नॉमिनेशन कैंसल होने के मामले में डी वाई चंद्रचूड़ ने की सख्त टिप्पणी
CJI Chandrachud: लोकसभा चुनाव में एक निर्दलीय उम्मीदवार का नॉमिनेशन कैंसल होने के मुद्दे में सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कठोर टिप्पणी की है. उन्होंने शुक्रवार को दो टूक बोला कि यदि पर्चा रद्द होने के मामलों को एंटरटेन किया जाएगा तो फिर तो तानाशाही आ जाएगी. दरअसल, बिहार की बांका लोकसभा सीट से जवाहर कुमार झा ने निर्दलीय पर्चा भरा था, लेकिन उनका नॉमिनेशन रिटर्निंग ऑफिसर ने कैंसल कर दिया. इसके बाद उन्होंने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.
जवाहर कुमार झा ने अपनी याचिका में दावा किया कि लोकसभा चुनाव 2024 में रिटर्निंग ऑफिसर ने मनमाने और गैरकानूनी ढंग से उनके नामांकन को रद्द कर दिया. उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने बोला कि आपको चुनावी याचिका दाखिल करनी होगी. आप आर्टिकल 32 के अनुसार याचिका दाखिल नहीं कर सकते.
अदालती सुनवाइयों को कवर करने वाले ‘बार एंड बेंच’ के अनुसार, सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ”अगर नामांकन पत्र खारिज होने को एंटरटेन करना प्रारम्भ कर दिया जाएगा तो चुनाव में तानाशाही हो जाएगी. यदि हम नोटिस जारी करेंगे और मुद्दे की सुनवाई करेंगे तो यह चुनाव से आगे बढ़ जाएगा. आपको चुनावी कानून के अनुशासन का पालन करना होगा. हम नामांकन पत्र की अस्वीकृति के विरुद्ध याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं. याचिकाकर्ता कानून के अनुसार मौजूद ऐसे तरीका अपना सकता है.”
गलतियां ठीक करने को मिले एक दिन
वकील अलख आलोक श्रीवास्तव के जरिए से दाखिल याचिका में उच्चतम न्यायालय से उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों को खारिज करने में पूरे हिंदुस्तान में चुनाव रिटर्निंग ऑफिसरों द्वारा विवेक के मनमाने और दुर्भावनापूर्ण प्रयोग पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था. याचिका में आग्रह किया गया कि पूरे हिंदुस्तान में चुनाव रिटर्निंग ऑफिसरों को चुनाव नामांकन पत्रों में चिह्नित प्रत्येक गलतियों को ठीक करने के लिए उम्मीदवार को कम से कम एक दिन का जरूरी रूप से मुनासिब अवसर प्रदान करने का निर्देश दिया जाना चाहिए.
‘जवाहर झा को घोषित करें उम्मीदवार’
याचिका में बोला गया, “जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 36(4) के अर्थ के भीतर विशेष रूप से परिभाषित करने के लिए तुरन्त मुनासिब रिट, आदेश या निर्देश जारी करें.” इसमें जनसंपर्क कार्यालय, बांका द्वारा जारी 5 अप्रैल, 2024 की प्रेस विज्ञप्ति को रद्द करने और रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई थी, जिसके अनुसार जवाहर कुमार झा का नामांकन खारिज कर दिया गया था. याचिकाकर्ता ने बोला था कि 26 अप्रैल, 2024 को बांका 27 संसदीय क्षेत्र में होने वाले आम चुनाव 2024 में लड़ने के लिए जवाहर झा को वैध उम्मीदवार घोषित किया जाए.