राष्ट्रीय

कांग्रेस से वसूला गया 135 करोड़ रुपये का टैक्स

नई दिल्ली: चुनावी प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर कैश के इस्तेमाल के कारण कांग्रेस पार्टी ने 2018-19 में इनकम टैक्स छूट खो दी थी. सूत्रों ने इस बारे में जानकारी देते हुए बोला कि पार्टी से 135 करोड़ रुपये की टैक्स वसूली इनकम टैक्स कानून के प्रावधानों के अनुरूप है. सूत्रों ने बोला कि विशेष रूप से अप्रैल 2019 में तलाशी अभियानों के दौरान आयकर डिपार्टमेंट ने जो आपत्तिजनक सामग्री बरामद की, उसके आधार पर चुनावी प्रक्रिया में नकदी के व्यापक इस्तेमाल का पता चला. उन्होंने कहा कि ऐसे में पार्टी के आकलन को 7 वर्षों (आकलन साल 2014-15 से 2020-21 तक) के लिए फिर से खोला गया था.

‘प्रावधानों के अनुसार प्रारम्भ हुई वसूली की प्रक्रिया’

सूत्रों ने बोला कि आकलन के बाद 2021 में कांग्रेस पार्टी पार्टी से टैक्स की मांग की गई और उन्हें भुगतान करने के लिए कई बार पत्र भेजे गए. कार्यवाही के दौरान निर्धारिती (कांग्रेस पार्टी) द्वारा दाखिल स्थगन याचिका को खारिज कर दिया गया था. इसके बाद, आकलन आदेश के 33 महीने और इनकम टैक्स आयुक्त (अपील) के आदेश के 10 महीने बाद भी, जब निर्धारिती ने मांग को नहीं चुकाया, तो इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 226 (3) के अनुसार वसूली की कार्यवाही प्रारम्भ की गई. ऐसे में कानून के प्रावधानों के मुताबिक लगभग 135 करोड़ रुपये की बकाया मांग की वसूली कार्यवाही प्रारम्भ की गई.

‘आयकर विभाग ने बीजेपी को लेकर आंखें बंद कर ली हैं’

इस कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका इनकम टैक्स अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) और दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था. सूत्रों ने कहा कि इसके बाद इनकम टैक्स कानून, 1961 के प्रावधानों के मुताबिक 135 करोड़ रुपये की वसूली की गई है. इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को बोला कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इनकम टैक्स विभाग ने 5 भिन्न-भिन्न वित्त सालों के कर रिटर्न में कथित विसंगतियों के लिए 1823.08 करोड़ रुपये के भुगतान के नए नोटिस उसे जारी किए हैं, लेकिन उसने बीजेपी को लेकर आंखें बंद कर ली हैं जबकि उस पर 4600 करोड़ रुपये का जुर्माना बनता है.

‘टैक्स टेररिज्म के जरिए हो रहा है विपक्ष पर हमला’

कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि लोकसभा चुनाव से पहले ‘कर आतंकवाद’ (टैक्स टेररिज्म) के जरिये विपक्ष पर धावा किया जा रहा है. पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने इल्जाम लगाया कि जिन मापदंडों के आधार पर कांग्रेस पार्टी को जुर्माने के नोटिस दिए गए हैं, उन्हीं के आधार पर बीजेपी से 4600 करोड़ रुपये से आधिक के भुगतान की मांग करनी चाहिए. (भाषा)

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