राष्ट्रीय

केंद्र सरकार ने एक तथ्य-जांच इकाई की स्थापना की…

केंद्र गवर्नमेंट ने अपने संचालन से संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर सामग्री की नज़र के लिए आधिकारिक तौर पर एक तथ्य-जांच इकाई (एफसीयू) की स्थापना की है. यह कदम हाल ही में संशोधित सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के अनुरूप है. इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रेस सूचना ब्यूरो के अनुसार फैक्ट चेक यूनिट केंद्र गवर्नमेंट की आधिकारिक तथ्य-जांच इकाई के रूप में काम करेगी. 

इस इकाई को केंद्र गवर्नमेंट के किसी भी व्यवसाय से संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाली जानकारी की सटीकता की पुष्टि करने का काम सौंपा गया है. इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की अधिसूचना में बोला कि केंद्र गवर्नमेंट इसके द्वारा केंद्र गवर्नमेंट के किसी भी व्यवसाय के संबंध में उक्त उप-खंड के प्रयोजनों के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रेस सूचना ब्यूरो के अनुसार तथ्य जांच इकाई को केंद्र गवर्नमेंट की तथ्य जांच इकाई के रूप में अधिसूचित करती है.

यह अधिसूचना बॉम्बे उच्च न्यायालय द्वारा कॉमेडियन कुणाल कामरा की उस अंतरिम याचिका को खारिज करने के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें उन्होंने एफसीयू की स्थापना पर रोक लगाने की मांग की थी, जब तक कि न्यायालय नए नियम की वैधता पर निर्णय नहीं सुना देती. न्यायालय ने बोला कि आईटी नियमों के अनुसार तथ्य-जाँच इकाई की स्थापना की अनुमति देने से कोई गंभीर और अपूरणीय क्षति नहीं होगी.

 

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